Tuesday, November 25

तालिबान-भारत रिश्तों में बड़ा मोड़! अफगानिस्तान के प्रस्ताव पर भारत जल्द ले सकता है बड़ा फैसला, पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

नई दिल्ली। भारत और अफगानिस्तान के रिश्तों में एक बड़ा भू-राजनीतिक बदलाव देखने को मिल सकता है। तालिबान सरकार ने भारत को प्रस्ताव भेजा है कि वह नई दिल्ली–कंधार और आगे चलकर अमृतसर–कंधार के बीच हवाई कूरियर सेवाओं की अनुमति दे। इसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा सीमा व्यापार रोककर अफगानिस्तान पर बनाए जा रहे दबाव को तोड़ना है। सूत्रों के अनुसार भारत इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहा है और जल्द ही इस पर फैसला संभव है। अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका साबित होगा।

भारत सक्रिय रूप से कर रहा है विचार

विश्वसनीय सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत पहले ही अमृतसर को अतिरिक्त हवाई संपर्क बिंदु के रूप में शामिल करने का रास्ता साफ कर चुका है। इसके बाद अफगान एयरलाइंस काबुल और कंधार से नई दिल्ली और अमृतसर के लिए हवाई सेवाएं चला सकती हैं। अभी पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारतीय ऑपरेटर अफगानिस्तान उड़ानें संचालित नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए उड़ानें अफगान एयरलाइंस द्वारा संचालित होंगी।

अफगानिस्तान का मकसद क्या?

पाकिस्तान द्वारा सीमा व्यापार रोकने के बाद अफगानिस्तान में खाद्य सामग्री, दवाइयों और जरूरी आपूर्ति की भारी कमी पैदा हो गई है। अफगानिस्तान चाहता है कि भारत के जरिए यह आपूर्ति बहाल हो सके। साथ ही, अफगान फल और अन्य जल्दी खराब होने वाले उत्पाद भारतीय बाजारों तक पहुंच सकें।

पाकिस्तान को बड़ा नुकसान

हालांकि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ व्यापार बंद किया है, लेकिन उसने उड़ान सेवाएं बंद नहीं की हैं। यदि काबुल भी ऐसा कदम उठाता है तो पाकिस्तानी एयरलाइंस की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर गंभीर असर पड़ेगा। इसी वजह से पाकिस्तान चिंतित है कि भारत–अफगानिस्तान हवाई संपर्क उसकी रणनीतिक पकड़ कमजोर कर देगा।

सुरक्षा समीक्षा जारी

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में तालिबान प्रशासन के साथ बैक-चैनल संपर्क बढ़ाया है, जो अब औपचारिक स्तर पर बातचीत तक पहुंच गया है। लेकिन 1999 के कंधार विमान अपहरण की घटना को देखते हुए भारत कंधार प्रस्ताव की सुरक्षा समीक्षा बेहद सावधानी से कर रहा है।

कंधार हाईजैक की याद

24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली आ रहा इंडियन एयरलाइंस का विमान IC-814 कंधार ले जाया गया था। यात्रियों की रिहाई के बदले भारत को तीन खतरनाक आतंकियों—मसूद अजहर, मुश्ताक जरगर और उमर सईद शेख—को रिहा करना पड़ा था। बाद में मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन की स्थापना की।

पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

कूटनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार यदि भारत तालिबान के प्रस्ताव को स्वीकार करता है तो पाकिस्तान का अफगानिस्तान पर दबाव खत्म हो जाएगा और उसका रणनीतिक प्रभाव कमजोर पड़ेगा। यही कारण है कि पाकिस्तान इस संभावित निर्णय से बौखला उठा है।

सूत्रों का कहना है कि भारत आर्थिक और रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए जल्द ही इस प्रस्ताव पर महत्वपूर्ण फैसला ले सकता है।

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