Tuesday, November 25

गरीबी के कारण पति को छोड़ने वाली पत्नी भरण-पोषण की हकदार नहीं: इलाहाबाद हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

प्रयागराज। वैवाहिक विवाद से जुड़े एक अहम मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि यदि पत्नी केवल गरीबी के कारण पति को छोड़कर मायके चली जाए और बिना उचित कारण अलग रहे, तो वह भरण-पोषण भत्ते की हकदार नहीं होगी। अदालत ने कहा कि इस तरह का कदम वैवाहिक जिम्मेदारियों से बचने का प्रयास माना जाएगा।

यह फैसला न्यायमूर्ति मदनपाल सिंह की एकलपीठ ने चंदौली निवासी रचना व्यास की पुनरीक्षण याचिका खारिज करते हुए दिया। रचना व्यास ने फैमिली कोर्ट, चंदौली द्वारा 125 सीआरपीसी के तहत भरण-पोषण की याचिका खारिज किए जाने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

कोर्ट ने माना– पत्नी बिना उचित कारण के रह रही अलग

हाई कोर्ट ने पाया कि पत्नी ने बिना किसी ठोस वजह के पति का साथ छोड़ा और अपने मायके में रहने लगी। ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड के अनुसार, पत्नी ने ससुराल इसलिए छोड़ा क्योंकि उसका मायका संपन्न था जबकि पति आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से था। अदालत ने कहा कि आर्थिक असमानता पत्नी के अलग रहने का वैध कारण नहीं माना जा सकता।

तथ्य छिपाने का आरोप साबित

फैसले में यह भी उल्लेख किया गया कि पत्नी ने अदालत को गुमराह करने की कोशिश की। ट्रायल कोर्ट में प्रस्तुत आधार कार्ड की जांच में पाया गया कि उसने पति के नाम की जगह बाद में पिता का नाम दर्ज करवा लिया था। इस बदलाव की जानकारी अदालत से छुपाई गई, जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया।

पति ने दूसरी शादी का आरोप लगाया

पति की ओर से कहा गया कि पंचायत स्तर पर दोनों के बीच संबंध विच्छेद का समझौता हो चुका था और पत्नी ने दूसरी शादी कर ली है, जिसका प्रमाण ग्राम प्रधान ने दिया है। हालांकि पत्नी ने दूसरी शादी के आरोपों को नकारा है।

हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट का आदेश बरकरार रखा

हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि जब पत्नी स्वेच्छा से पति को छोड़कर अलग रहती है और अपने पक्ष में गलत जानकारी प्रस्तुत करती है, तो उसे भरण-पोषण का लाभ नहीं दिया जा सकता।

इस फैसले को वैवाहिक विवादों में एक महत्वपूर्ण न्यायिक दृष्टांत माना जा रहा है, जो यह स्पष्ट संदेश देता है कि भरण-पोषण का अधिकार केवल उन्हीं स्थितियों में लागू होगा, जहाँ पत्नी के पास अलग रहने का उचित और वैधानिक कारण हो।

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