
पूर्णिया: बिहार में ग्राम पंचायत के मुखिया का पद महत्व और जिम्मेदारी दोनों के लिहाज से काफी अहम माना जाता है। आगामी बिहार पंचायत चुनाव 2026 को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों के लिए यह जानना जरूरी है कि कौन-कौन से नियम और शर्तें उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति देती हैं।
मुखिया बनने के लिए आयु और शैक्षणिक योग्यता
बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 के अनुसार, मुखिया पद के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। फिलहाल, पंचायत चुनाव के लिए किसी निश्चित शैक्षणिक योग्यता को अनिवार्य नहीं किया गया है। यानी सामान्य नागरिक भी इन चुनावों में भाग ले सकते हैं, बशर्ते अन्य मानदंड पूरे हों।
दो से अधिक बच्चों का नियम
मुख्य और विवादास्पद नियम उम्मीदवार की संतान संख्या से जुड़ा है। अधिनियम के अनुसार, दो से अधिक जीवित संतान वाले व्यक्ति मुखिया या पंचायत के किसी भी अन्य पद का चुनाव नहीं लड़ सकते। यह नियम 2006 के बाद लागू हुआ।
- यदि किसी व्यक्ति के 2006 में नियम लागू होने से पहले ही दो से अधिक बच्चे थे, तो वह चुनाव लड़ सकता है।
- लेकिन अधिनियम लागू होने के बाद जन्मी तीसरी संतान वाले व्यक्ति को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है।
अन्य अयोग्यताएं
मुखिया पद के उम्मीदवारों को निम्नलिखित अयोग्यताओं का भी ध्यान रखना चाहिए:
- किसी सरकारी लाभ के पद पर होना
- आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया जाना
- मानसिक रूप से विकृत होना या सक्षम न्यायालय द्वारा दिवालिया घोषित होना
- पंचायती राज संस्थाओं का बकाया कर या शुल्क जमा न करना
ये नियम सुनिश्चित करते हैं कि पंचायत का प्रतिनिधित्व करने वाले उम्मीदवार जिम्मेदार और योग्य हों। आगामी चुनाव में इच्छुक उम्मीदवारों के लिए इन योग्यता और अयोग्यता संबंधी नियमों को समझना अनिवार्य है।