
मुंबई। महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सत्ता पक्ष महायुति में तनाव खुलकर सामने आने लगा है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दहानु में अपनी रैली के दौरान बिना नाम लिए भाजपा पर सीधा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि “तानाशाही और अहंकार के खिलाफ जनता एकजुट हो रही है। रावण भी अहंकारी था, इसलिए उसकी लंका जला दी गई। 2 दिसंबर को आपको भी ऐसा ही करना है—भ्रष्टाचार खत्म कर विकास के लिए वोट दीजिए।”
दहानु में सीधी टक्कर
शिंदे ने जनता से शिवसेना उम्मीदवार राजू माछी को जीताने की अपील की।
- शिवसेना की जिला प्रमुख किरण सांख्ये ने बताया कि माछी पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार हैं
- भाजपा अपने जिला प्रमुख भरत राजपूत के समर्थन में खड़ी है
- एनसीपी के दोनों धड़े शिवसेना के साथ आए हैं
इस सीट पर दोनों सहयोगी दलों के बीच सीधा मुकाबला बन गया है।
ठाणे–पालघर में वर्चस्व की जंग
तनाव की शुरुआत तब बढ़ी जब—
- शिवसेना ने उल्हासनगर के 5 पूर्व पार्षदों को अपने पाले में शामिल किया
- जवाब में भाजपा ने शिवसेना के कुछ पूर्व पार्षदों को पार्टी से निकाल दिया
- इनमें कई ऐसे चेहरे थे जो शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के करीबी माने जाते हैं
विरोध में शिवसेना के मंत्रियों ने मंत्रिमंडल की बैठक से दूरी बना ली।
अमित शाह से सीधे की शिकायत
सूत्रों के अनुसार, हालात बिगड़ने पर शिंदे ने—
- पहले उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बैठक में समाधान की कोशिश की
- इसके बाद दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शिकायत दर्ज कराई
इसी बीच ठाणे के एक पूर्व भाजपा पार्षद पर शिवसेना पदाधिकारियों से मारपीट का आरोप लगा, जिससे तनाव और गहरा गया।
शुक्रवार को शिंदे नवी मुंबई के कार्यक्रम से अनुपस्थित रहे, जहां उन्हें भाजपा नेता गणेश नाइक के साथ मंच साझा करना था।
BJP की सफाई—तनाव सिर्फ स्थानीय स्तर पर
भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने विवाद को हल्का बताते हुए कहा—
“महायुति के सहयोगियों के राज्य स्तर पर संबंध मजबूत हैं। कुछ स्थानीय क्षेत्रों में तालमेल नहीं बन पाया है। इसे राज्य की राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।”