Thursday, November 20

अमेरिका के 11, चीन-2, भारत 0: दुनिया के अमीर शहरों की टॉप 20 लिस्ट में तिरंगा नदारद

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर शहरों की लिस्ट में भारत के किसी शहर को जगह नहीं मिली है। FRED Economic Data के मुताबिक, जीडीपी के हिसाब से अमेरिका के 11 शहर, चीन और जापान के दो-दो शहरों को टॉप 20 में जगह मिली है। वहीं ब्रिटेन, फ्रांस, ब्राजील, दक्षिण कोरिया और जर्मनी के एक-एक शहर भी इसमें शामिल हैं।

शीर्ष स्थान पर न्यूयॉर्क और टोक्यो

  • न्यूयॉर्क (अमेरिका) – $2.3 ट्रिलियन की जीडीपी, दुनिया के सबसे ज्यादा बिलिनेयर यहाँ रहते हैं।
  • टोक्यो (जापान) – $2.1 ट्रिलियन की जीडीपी के साथ दूसरे स्थान पर।
  • लॉस एंजेलिस (अमेरिका) – $1.29 ट्रिलियन, तीसरे स्थान पर।
  • पेरिस (फ्रांस) – $1.27 ट्रिलियन, चौथा।
  • लंदन (यूके) – $1.17 ट्रिलियन, पांचवें नंबर पर।

अमेरिकी शहरों का दबदबा

टॉप 20 की लिस्ट में अमेरिका के अन्य शहरों ने भी अपनी मजबूती दिखाई:

  • शिकागो – $894.9 अरब (छठा)
  • सैन फ्रांसिस्को – $778.9 अरब (नौवां)
  • डलास – $744.7 अरब (दसवां)
  • वॉशिंगटन – $714.7 अरब
  • ह्यूस्टन – $697 अरब
  • बोस्टन – $610.5 अरब
  • अटलांटा – $570.7 अरब
  • सिएटल – $566.7 अरब
  • फिलाडेल्फिया – $577.6 अरब

चीन, जापान और अन्य देशों की हिस्सेदारी

  • सोल (दक्षिण कोरिया) – $878.5 अरब, सातवें स्थान पर।
  • साओ पाउलो (ब्राजील) – $780 अरब, आठवें।
  • ओसाका-क्योटो-कोबे (जापान) – $699.5 अरब।
  • शंघाई (चीन) – $663.9 अरब।
  • बीजिंग (चीन) – $618.6 अरब।
  • राइन-रूर (जर्मनी) – $634.4 अरब।

भारत की अनुपस्थिति पर सवाल

टॉप 20 में भारत का कोई शहर शामिल न होना अर्थव्यवस्था और शहरी विकास के लिए चेतावनी है। यह दर्शाता है कि अमेरिका, चीन, जापान और यूरोपीय शहर वैश्विक आर्थिक शक्ति में आगे हैं, जबकि भारतीय शहरों को और तेजी से विकसित करने की जरूरत है।

निष्कर्ष: दुनिया के अमीर शहरों की यह लिस्ट बताती है कि आर्थिक ताकत सिर्फ राष्ट्र की नहीं बल्कि शहरों की भी पहचान तय करती है। भारत को अपने शहरी विकास और जीडीपी वृद्धि पर ध्यान बढ़ाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में तिरंगा भी इस लिस्ट में शामिल हो सके।

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