
मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बीजेपी से कथित नाराज़गी ने नया मोड़ ले लिया है। महायुति सरकार में तनाव की खबरों के बीच विपक्ष खासकर शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने शिंदे खेमे पर तीखे तंज कसे हैं। उद्धव गुट के नेताओं का दावा है कि शिंदे की शिवसेना में बड़ी फूट पड़ने वाली है और कई विधायक पार्टी बदलने की तैयारी में हैं।
आनंद दुबे का तंज: “बोया पेड़ बबूल का…”
शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता आनंद दुबे ने शिंदे पर तंज कसते हुए कहा,
“बोया पेड़ बबूल का, तो आम कहां से होय?”
उन्होंने आरोप लगाया कि शिंदे गुट ने भाजपा के साथ मिलकर शिवसेना को तोड़ा, लेकिन आज वही नेता खुद अलग-थलग पड़ गए हैं।
दावे के अनुसार मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में शिंदे गुट के कई नेता अनुपस्थित रहे, जिससे सरकार के अंदर बढ़ती दूरी के संकेत मिलते हैं।
कल्याण-डोम्बीवली में बीजेपी की ‘सेंध’?
दुबे ने दावा किया कि शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे के लोकसभा क्षेत्र कल्याण-डोम्बीवली में बीजेपी संगठन सक्रिय रूप से शिंदे शिवसेना में सेंध लगा रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता रविंद्र चौहान लगातार शिंदे गुट के नेताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे दोनों दलों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
शिवसेना (यूबीटी) का दावा: “जल्द पड़ेगी बड़ी फूट”
उद्धव गुट ने कहा कि कई नेता शिंदे शिवसेना से नाराज़ होकर पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं।
दुबे का दावा है कि कुछ नेता शिवसेना (यूबीटी) के संपर्क में भी हैं, लेकिन उन्हें शामिल करने से पहले उनकी “निष्ठा” की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि महानगर पालिका चुनाव (2 दिसंबर) से पहले महायुति में “बड़ी भगदड़” देखने को मिल सकती है।
कांग्रेस ने भी उठाया मुद्दा, सरकार को बताया ‘गैंगवार वाली’
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने भी शिंदे-बीजेपी रिश्तों की खटास पर कटाक्ष किया।
उन्होंने कहा—
“यह ट्रिपल इंजन वाली सरकार है, इसलिए इनके बीच गैंगवार देखने को मिल रही है।”
सपकाल ने कहा कि अगर शिंदे वाकई नाराज़ हैं तो उन्हें स्पष्ट रूप से विरोध दर्ज करना चाहिए या सत्ता छोड़ देनी चाहिए,
लेकिन “सत्ता का मोह” उन्हें ऐसा करने से रोक रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि शिंदे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के “दबाव और अपमान” को चुपचाप सहने पर मजबूर हैं।