
रांची। झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने राज्य में चल रही मतदाता सूची की पैतृक मैपिंग की प्रगति की समीक्षा करते हुए इसे शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यह प्रक्रिया वर्तमान मतदाता सूची के नामों को वर्ष 2003 की मतदाता सूची से जोड़ने का कार्य है, ताकि आगामी गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को अधिक सुगम और पारदर्शी बनाया जा सके।
कई विधानसभा क्षेत्रों में 70% काम पूरा
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में पैतृक मैपिंग का कार्य 70 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। इन क्षेत्रों में मतदाताओं को पुनरीक्षण के दौरान इन्यूमरेशन फॉर्म भरने में आसानी होगी। वहीं जिन क्षेत्रों में मैपिंग की प्रगति धीमी है, उन्हें तत्काल गति बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
वोटर आउटरीच प्रोग्राम चलाने के आदेश
जिन विधानसभा क्षेत्रों में मैपिंग का प्रतिशत अभी कम है, वहां अधिकारियों को वोटर आउटरीच प्रोग्राम चलाने और मतदाताओं तक अधिक प्रभावी तरीके से पहुंचकर प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया गया है।
मंगलवार को निर्वाचन सदन से सभी जिलों के ईआरओ और उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह निर्देश जारी किए गए।
कोताही बर्दाश्त नहीं—मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी
सीईओ ने स्पष्ट किया कि मैपिंग कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी और इसे समय पर पूरा करना अनिवार्य है। उन्होंने राजनीतिक दलों से उनके बीएलए (Booth Level Agents) की नियुक्ति में तेजी लाने का भी आग्रह करने को कहा, ताकि मतदाता सूची के आगामी गहन पुनरीक्षण में अधिक निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
बैठक में कई अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार, उप निर्वाचन पदाधिकारी धीरज कुमार ठाकुर सहित सभी जिलों के ईआरओ और उप निर्वाचन पदाधिकारी उपस्थित रहे।