Tuesday, November 18

वॉशरूम में हुई ‘डील’ ने खोला बड़ा राज़: 15 लाख की रिश्वत लेते क्लर्क गिरफ्तार, जज फरार

मुंबई | एनबीटी डेस्क
मुंबई की एक अदालत के वॉशरूम में हुई गुप्त बातचीत ने भ्रष्टाचार का ऐसा जाल उजागर किया है, जिसने न्याय व्यवस्था की मर्यादा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। एक क्लर्क द्वारा टॉयलेट में की गई कथित रिश्वत-सेटिंग एसीबी की नज़र में आ गई और जांच आगे बढ़ते ही मामला एडिशनल सेशन जज तक पहुँच गया।

एसीबी ने कोर्ट के क्लर्क-टाइपिस्ट चंद्रकांत वासुदेव को रंगे हाथों 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया, जबकि रिश्वत लेने के आरोपों से घिरे एडिशनल सेशन जज एजाजुद्दीन काज़ी फिलहाल फरार बताए जा रहे हैं।

वॉशरूम में हुआ ‘सौदा’, जज के नाम पर मांगी गई मोटी रकम

11 नवंबर को एक याचिकाकर्ता अदालत के वॉशरूम में था, तभी क्लर्क वासुदेव कथित तौर पर उससे बोला कि “अगर वह जज साहब के लिए कुछ करता है तो फैसला उसके हक में आ सकता है।”
यह बयान याचिकाकर्ता के शक को बढ़ाने के लिए काफी था। मामला तुरंत एसीबी तक पहुँचा और जाल बिछाया गया।

एसीबी के अनुसार, वासुदेव ने गवाहों के सामने ही जज काज़ी को व्हाट्सऐप कॉल किया और कथित तौर पर जज ने 15 लाख रुपये की मांग पर सहमति जताई।

रंगे हाथ पकड़ा गया क्लर्क, जज फरार

एसीबी द्वारा बिछाए गए ट्रैप में 4 लाख रुपये असली नोट थे, जबकि 11 लाख रुपये नकली (टॉय नोट) थे।
जैसे ही वासुदेव ने रकम स्वीकार की, एसीबी ने उसे वहीं दबोच लिया। पूछताछ में क्लर्क ने बताया कि वह पिछले एक साल से जज काज़ी के साथ काम कर रहा था और दोनों के बीच “बेहद अच्छे संबंध” थे।

जज की भूमिका पर सवाल उठने के बाद एसीबी ने कई जगह छापेमारी की, लेकिन जज एजाजुद्दीन काज़ी लापता हैं

जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई

गिरफ्तार क्लर्क को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उसकी जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई प्रस्तावित है।
उधर, जज पर लगे आरोपों ने पूरे न्यायिक तंत्र में हलचल मचा दी है। एसीबी जल्द ही जज की गिरफ्तारी के लिए औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर सकती है।

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