Monday, November 17

BJP में बढ़ती आंतरिक खींचतान: अंता उपचुनाव हार के बाद सिंघवी का ‘चिट्ठी’ धमाका

राजस्थान की एकमात्र विधानसभा सीट अंता पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार के तीन दिन बाद ही पार्टी में गुटबाजी का बड़ा खुलासा हुआ है। बारां जिले के छबड़ा विधायक और राजस्थान BJP के दूसरे सबसे वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह सिंघवी ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र लिखकर अपनी उपेक्षा और अपमान की शिकायत दर्ज कराई।

सिंघवी ने पत्र में लिखा कि उन्हें अपमानित करने की कोई सीमा नहीं रही। अंता उपचुनाव में 40 बीजेपी नेताओं की प्रचार सूची से उन्हें पूरी तरह बाहर रखा गया। जबकि मुख्यमंत्री के रोड शो ‘विजय संकल्प यात्रा’ के पोस्टरों में उनके से कनिष्ठ विधायकों की तस्वीरें शामिल थीं, उनका नाम तक नहीं था।

अंदरूनी मतभेद उजागर
सिंघवी ने पत्र में स्पष्ट किया कि वे राजस्थान के दूसरे सबसे वरिष्ठ विधायक हैं, फिर भी पार्टी ने उन्हें उपेक्षित किया। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को इस बारे में अवगत कराने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। चुनाव समिति में शामिल तो किया गया, लेकिन कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। यही नहीं, विजय संकल्प यात्रा के विज्ञापनों में केवल कनिष्ठ विधायकों के फोटो थे।

सिंघवी ने पत्र के अंत में केंद्रीय नेतृत्व से मार्गदर्शन मांगा और इस उपेक्षा पर सवाल उठाए। उनका पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इससे पार्टी में आंतरिक कलह और असंतोष उजागर हुआ है।

हार के बाद सिंघवी का बयान
अंता में मिली हार के बाद विधायक सिंघवी ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने पिछले दो वर्षों में सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक सही तरीके से नहीं पहुंचाया, जिससे यह परिणाम आया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि देश और प्रदेश में अनेक योजनाएं प्रभावी ढंग से चल रही हैं।

स्थानीय स्तर पर नाराजगी
सिंघवी के इस पत्र से पार्टी के स्थानीय स्तर पर असंतोष सामने आया है। 7 बार के विधायक और इलाके के प्रभावशाली नेता के रूप में उनकी नाराजगी हाड़ौती की भाजपा में आंतरिक कलह को दर्शाती है। फिलहाल, पार्टी की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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