
मुजफ्फरपुर, 15 नवम्बर 2025: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 13 में रात के समय हुए एक दर्दनाक हादसे ने इलाके को हिलाकर रख दिया है। शॉर्ट सर्किट के कारण लगी भीषण आग में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि सात अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। घायलों को इलाज के लिए मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल रेफर किया गया है, जबकि अन्य का उपचार स्थानीय अस्पतालों में चल रहा है।
भीषण आग में परिवार के 5 लोग जिंदा जल गए
यह हादसा मोतीपुर थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 13 में स्थित ललन साह के तीन मंजिला मकान में हुआ। रात करीब दो बजे अचानक घर से आग की लपटें उठने लगीं। आग इतनी तेज थी कि घर के अंदर सो रहे परिवार के सदस्य संभलने से पहले ही आग ने पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया। घर के अंदर चीख-पुकार मच गई, लेकिन आग की लपटों के बीच कई लोग फंस गए।
इस हादसे में ललन साह की मां सुशीला देवी, पत्नी पूजा कुमारी, और दो बेटियां सृष्टि कुमारी और गोलू कुमारी समेत कुल पांच लोग जिंदा जलकर मर गए। घटना के वक्त घर में अन्य सदस्य भी मौजूद थे, जो आग की लपटों में झुलस गए। इनमें से चार लोगों को गंभीर हालत में एसकेएमसीएच अस्पताल भेजा गया है, जबकि अन्य का इलाज स्थानीय स्तर पर किया जा रहा है।
दमकल की गाड़ियां पहुंचने से पहले ही हुई भारी क्षति
स्थानीय लोगों के अनुसार, जब तक दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंची, तब तक आग ने पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया था। आग लगने के बाद तुरंत बचाव कार्य शुरू किया गया, लेकिन स्थिति इतनी गंभीर थी कि नुकसान कम नहीं हो सका। घटनास्थल पर पहुंची मोतीपुर थाना पुलिस और फॉरेंसिक टीम आग के कारणों की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग का कारण माना जा रहा है।
घायलों का इलाज जारी
घायलों में लालबाबू प्रसाद, माला देवी, साक्षी कुमारी, अर्जुन कुमार, ऋषभ कुमार, अमन कुमार, और लालबाबू प्रसाद की पत्नी शामिल हैं। सभी का इलाज जारी है, जिनमें से कुछ की स्थिति नाजुक बताई जा रही है।
इस दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। स्थानीय लोग और प्रशासन आग लगने के कारणों की जांच में जुटे हैं, जबकि पूरे जिले में शॉर्ट सर्किट की वजह से होने वाली आग की घटनाओं के प्रति सचेत किया जा रहा है।
मुजफ्फरपुर जिले में इस भयावह हादसे ने एक परिवार को पूरी तरह से तोड़कर रख दिया है, और यह घटना शॉर्ट सर्किट के खतरों को लेकर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को और भी बढ़ा देती है।