Tuesday, December 30

बिहार BJP के नए अध्यक्ष संजय सरावगी की टीम पर सियासी हलचल, जानिए किनको मिल सकती है अहम जिम्मेदारी

 

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बिहार बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी की टीम को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा का दौर तेज हो गया है। हालांकि कहा जा रहा है कि संजय सरावगी जल्दी निर्णय नहीं लेते। वे हर पहलू का गहराई से अध्ययन करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचते हैं।

 

संगठन का तापमान हुआ गर्म

 

नई दिल्ली में लगातार हो रही बैठकों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई शिष्टाचार मुलाकात के बाद बिहार भाजपा का पारा इस सर्दी में भी गर्म हो गया है। इस अवसर पर संजय सरावगी ने पीएम मोदी को मां जानकी की जन्मस्थली पुनौरा धाम की तस्वीर वाला मोमेंटो और मधुबनी पेंटिंग से बनी शॉल भेंट की।

 

प्रदेश संगठन खड़ा करने में समय लेंगे

 

भाजपा भीतरखाने की बात करें तो नए प्रदेश अध्यक्ष संगठन को मजबूती से खड़ा करने में समय लेंगे। उनकी यह खासियत मानी जाती है कि वे किसी भी पद या दायित्व को संभालने से पहले पूरी जानकारी जुटाते हैं। चूंकि वे पहले कभी प्रदेश संगठन में पद पर नहीं रहे हैं, इसलिए संगठन की संरचना और जिम्मेदारियों को समझने के बाद ही महत्वपूर्ण फैसले लेंगे।

 

संगठन में किसे मिलेगा स्थान?

 

संजय सरावगी ने मीडिया के सामने स्पष्ट किया कि वे पुराने और जमीनी कार्यकर्ताओं को संगठन में प्राथमिकता देंगे। इसका मतलब यह है कि आयातित नेताओं की बजाय विद्यार्थी परिषद जैसे संगठन से जुड़े लोग आगे रह सकते हैं।

 

प्राथमिकताएं और समीकरण

 

भाजपा के भीतर संगठन को इस तरह खड़ा करने की रणनीति है कि सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन कायम रहे। इसके तहत माइनस यादव, ओबीसी और ईबीसी वर्ग के लोगों की संख्या अधिक होगी। सवर्णों की संतुलित हिस्सेदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। संगठन का अंतिम स्वरूप खरमास यानी 14 जनवरी 2025 के बाद स्पष्ट होगा।

 

सियासी गलियारों में यह चर्चा भी जोरों पर है कि संजय सरावगी की टीम भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाएगी, ताकि पार्टी हर क्षेत्र और समाज के साथ संतुलित तरीके से जुड़ सके।

 

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