
धार्मिक नगरी वृंदावन की सुप्रसिद्ध सुदामा कुटी अपने स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण करने जा रही है। इस ऐतिहासिक अवसर पर 10 से 20 जनवरी 2026 तक भव्य शताब्दी महामहोत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसका समापन 21 जनवरी को विशाल प्रसाद वितरण के साथ होगा।
इस महामहोत्सव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत सहित चार राज्यों के मुख्यमंत्री—उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, दिल्ली की रेखा गुप्ता, उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी और मध्य प्रदेश के मोहन यादव—अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। इसके अलावा कई केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री और देशभर के प्रख्यात संत-महात्मा कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।
10 जनवरी को मोहन भागवत करेंगे शुभारंभ
सुदामा कुटी के शताब्दी महामहोत्सव का विधिवत शुभारंभ 10 जनवरी को मोहन भागवत करेंगे। आयोजन समिति के अनुसार यह उत्सव आश्रम के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय साबित होगा। समापन समारोह में गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को भी आमंत्रण भेजा गया है।
10 दिनों तक बहेगी भक्ति और अध्यात्म की धारा
सुदामा कुटी के महंत एवं नाभापीठाधीश्वर सुतीक्ष्णदास महाराज ने बताया कि यह महामहोत्सव पूर्ण वैदिक विधि-विधान से मनाया जाएगा। दस दिनों तक वृंदावन में भक्ति, साधना और अध्यात्म की ऐसी अलौकिक धारा प्रवाहित होगी, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभूति कराएगी।
संतों का महासंगम, बाबा रामदेव और धीरेंद्र शास्त्री भी होंगे शामिल
महोत्सव के दौरान देशभर के प्रमुख संतों का महासंगम देखने को मिलेगा। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी, योग गुरु बाबा रामदेव, बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री, कैलाशानंद गिरी महाराज और जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज को भी आमंत्रित किया गया है।
1926 में हुई थी सुदामा कुटी की स्थापना
सुदामा कुटी की स्थापना वर्ष 1926 में सुदामादास महाराज द्वारा की गई थी। यह आश्रम वृंदावन में बंसीवट और गोपेश्वर महादेव मंदिर के मध्य स्थित है, जहां प्रतिदिन हजारों संतों को निशुल्क भोजन, आवास और सेवा उपलब्ध कराई जाती है।
बिहार से वृंदावन तक संत सेवा की यात्रा
आश्रम के महंत अमरदास महाराज ने बताया कि सुदामादास महाराज का जन्म 1899 में बिहार के गोपालगंज जिले के छिपाया गांव में हुआ था। अयोध्या में कुछ समय साधना करने के बाद वे 1926 में वृंदावन आए और आजीवन संत सेवा में समर्पित रहे। सुदामा कुटी परिसर में कई मंदिर हैं, जहां दिनभर भजन-कीर्तन और गोसेवा चलती रहती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी कर चुकी हैं दर्शन
गौरतलब है कि सितंबर 2025 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी सुदामा कुटी के दर्शन कर चुकी हैं। उन्होंने वृंदावन प्रवास के दौरान श्रीबांके बिहारी मंदिर, निधिवन और श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भी दर्शन किए थे।