
नई दिल्ली: दुनिया भर में सोने की कीमतें लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। भारत में भी शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025 को 24 कैरेट सोना 1,42,300 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी टैक्स सहित) के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। साल भर में सोने की कीमत में 80% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
दुनिया के बाजार में उछाल:
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। 26 दिसंबर को सोना 50.87 डॉलर प्रति औंस यानी 4,530.42 डॉलर पर बंद हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और भू-राजनीतिक तनावों के कारण निवेशक सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
भारत में खपत घट रही, कीमत बढ़ रही:
भारत में सोने की बढ़ती कीमतों के बावजूद खपत कम हो रही है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में भारत में 802.8 टन सोने की खपत हुई थी। इस साल यह आंकड़ा 650 से 700 टन तक सिमट सकता है। हालांकि, सोने की बढ़ती कीमत और कमजोर रुपये के कारण भारत का गोल्ड इंपोर्ट बिल अब तक 55 अरब डॉलर हो गया है, जो पिछले साल से करीब 2% अधिक है।
लोगों ने निकाला यह तोड़:
सोने की ऊंची कीमतों के कारण लोग अब हल्के ज्वैलरी की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। World Gold Council India के CEO सचिन जैन के अनुसार, अब 22 कैरेट की बजाय 14 से 18 कैरेट वाले गहनों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है।
सोने की कीमत क्यों बढ़ रही है:
सोने की बढ़ती कीमतों के पीछे कई कारण हैं:
भू-राजनीतिक और व्यापारिक तनाव
दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों की लगातार सोने की खरीद
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा साल 2026 में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
डॉलर की कमजोरी, जिससे विदेशी खरीदारों के लिए सोना सस्ता
विशेषज्ञ बताते हैं कि जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो निवेशक बॉन्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में सोने में अधिक निवेश करना पसंद करते हैं। यही वजह है कि सोने की कीमतें लगातार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही हैं।