
गया (बिहार): बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण में गया जिले की इमामगंज (SC) विधानसभा सीट ने राजनीतिक सरगर्मी को चरम पर पहुंचा दिया है। यह सीट न केवल अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का मजबूत गढ़ भी मानी जाती है। इस बार चुनावी मैदान में मांझी के परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है, क्योंकि एनडीए की ओर से दीपा कुमारी, जीतन राम मांझी की बहू और ‘हम पार्टी’ की उम्मीदवार, मैदान में हैं।
वोटिंग प्रतिशत (लाइव अपडेट)
- गया जिला: 15.97%
- इमामगंज: 15.47%
मुख्य उम्मीदवार और मुकाबला
- हम पार्टी (NDA): दीपा कुमारी
- राजद (महागठबंधन): रितु प्रिया चौधरी
- जन सुराज पार्टी: डॉ. अजीत कुमार
- कुल सात उम्मीदवार मैदान में
मांझी परिवार का दबदबा
इमामगंज सीट पर पिछले दो चुनावों से मांझी परिवार का दबदबा रहा है। 2020 में जीतन राम मांझी ने राजद के उदय नारायण चौधरी को 16,034 वोटों के अंतर से हराया था। इस बार दीपा कुमारी की एंट्री ने सीट पर हाई-वोल्टेज मुकाबला पैदा कर दिया है।
निर्णायक जातीय समीकरण
इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में दलित मतदाता, खासकर भुइयां (मांझी) जाति, निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा कोइरी (कुशवाहा) वोट और मुस्लिम-यादव (एम-वाई) समीकरण भी इस चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। राजद महागठबंधन इस सीट पर सेंधमारी कर जीत दर्ज करने का प्रयास कर रहा है।
दीपा कुमारी की चुनौती और रणनीति
दीपा कुमारी ने जनता से भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि वह मांझी परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाने और क्षेत्र के विकास को सुनिश्चित करने के लिए चुनाव लड़ रही हैं। उनके लिए यह चुनाव केवल सीट जीतने का मामला नहीं है, बल्कि मगध क्षेत्र में परिवार की राजनीतिक पकड़ बनाए रखने की लड़ाई भी है।
देखना यह होगा:
विकास और जातीय समीकरणों के बीच मांझी परिवार की प्रतिष्ठा कितनी मजबूती से बचती है। लाइव वोटिंग अपडेट और जनता के रुझान पूरे राज्य में नजरें इमामगंज पर टिकाए हुए हैं।