
अरावली पर्वत श्रृंखला को लेकर छिड़े सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोला है। सीएम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन के दौरान ही अरावली की परिभाषा बदली गई, जिसके चलते प्रदेश में हजारों स्थानों पर अवैध खनन को बढ़ावा मिला। गहलोत पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने उन्हें ‘ट्विटर मास्टर’ करार दिया और कहा कि कांग्रेस अब जनता को गुमराह करने की राजनीति कर रही है।
जोधपुर के रामलीला मैदान में आयोजित पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में अरावली का एक-एक पत्थर तक नहीं छोड़ा गया। सीएम ने सवाल उठाया कि वर्ष 2003-04 और 2009-10 में अरावली की परिभाषा बदलने की शुरुआत किसकी सरकार ने की थी और उस दौरान कितने खनन पट्टे जारी किए गए।
‘सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस आज अरावली को बचाने का दिखावा कर रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि उसी के शासन में सबसे अधिक नुकसान हुआ। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की हालत ‘सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’ जैसी हो गई है।
गहलोत पर सीधा हमला
सीएम भजनलाल शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि वे ट्विटर पर बयान जारी कर खबरों में बने रहना चाहते हैं। पहले एसआईआर को लेकर हंगामा किया गया और अब अरावली के नाम पर जनता को भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तमाम शोर-शराबे के बावजूद एसआईआर की प्रक्रिया पूरी हुई और सरकार अपने फैसलों पर अडिग है।
‘एक भी घुसपैठिए को नहीं रहने देंगे’
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राजस्थान में एक भी घुसपैठिए को रहने नहीं दिया जाएगा। कानून व्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
विकास के नाम पर तुलना से डर रही कांग्रेस
सीएम ने कांग्रेस नेताओं को बयानबाजी छोड़कर विकास कार्यों की तुलना करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के पांच वर्षों में 50 काम भी ढंग से नहीं हुए, जबकि वर्तमान सरकार ने मात्र दो वर्षों में सैकड़ों विकास कार्य धरातल पर उतार दिए हैं। गहलोत पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “अब उनका जादू नहीं चलेगा। जो बोया है, वही काटना पड़ेगा।”
अरावली को लेकर कांग्रेस के आंदोलन के ऐलान के बीच मुख्यमंत्री का यह आक्रामक रुख साफ संकेत देता है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा राजस्थान की राजनीति में और अधिक गरमाने वाला है।