
राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक आदिवासी मजदूरों को महाराष्ट्र में बंधक बनाकर जबरन मजदूरी कराने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। प्रतापगढ़ पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के विभिन्न इलाकों में दबिश देकर 53 बंधक मजदूरों को सकुशल मुक्त कराया है। मुक्त कराए गए मजदूरों में 13 महिलाएं और 40 पुरुष शामिल हैं।
दलालों ने मजदूरों को ‘बेच’ डाला
पुलिस जांच में सामने आया है कि दलालों ने मजदूरों को 500 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी, भोजन और रहने की सुविधा का लालच देकर घरों से बाहर ले गए थे। मजदूरों से कहा गया था कि उन्हें मध्यप्रदेश के इंदौर में काम दिलाया जाएगा, लेकिन बाद में उन्हें महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के अलग-अलग गांवों में जमींदारों के यहां पहुंचा दिया गया।
जांच में खुलासा हुआ कि दलालों ने इन मजदूरों को 27.5 लाख रुपये में जमींदारों को ‘बेच’ दिया।
सीताराम पाटिल (महाराष्ट्र) ने 18 लाख रुपये
खान (अलवर) ने 9.5 लाख रुपये
एडवांस में ले लिए, लेकिन मजदूरों को उनकी मेहनत का एक रुपया भी नहीं दिया गया।
जबरन काम, मारपीट और अमानवीय व्यवहार
मजदूरों से गन्ने के खेतों में जबरन मजदूरी कराई जा रही थी। काम से इनकार करने पर उनके साथ मारपीट और प्रताड़ना की जाती थी। जमींदारों का दावा था कि मजदूरी का भुगतान वे दलालों को पहले ही कर चुके हैं। मजदूर पूरी तरह उनके चंगुल में फंसे हुए थे।
भागकर आए मजदूर बने रेस्क्यू की वजह
मौका पाकर कुछ मजदूर जमींदारों के चंगुल से भागने में सफल रहे। उन्हीं मजदूरों ने प्रतापगढ़ पहुंचकर पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद एसपी बी. आदित्य के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया।
एडिशनल एसपी गजेंद्र सिंह जोधा के नेतृत्व में सब इंस्पेक्टर सोहनलाल और उनकी टीम ने महाराष्ट्र में अभियान चलाया और अलग-अलग स्थानों से 53 मजदूरों को मुक्त कराकर प्रतापगढ़ लाया।
रात में पहुंचे मजदूर, पुलिस ने की मानवीय पहल
शुक्रवार देर रात पुलिस टीम मुक्त कराए गए मजदूरों को लेकर प्रतापगढ़ पहुंची। एसपी बी. आदित्य ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सभी मजदूर आदिवासी समुदाय से हैं और प्रतापगढ़ जिले के घंटाली, पीपलखूंट, पारसोला, वरदा, जामली, मालिया, गोठड़ा, उमरिया पाड़ा, बड़ा काली घाटी, ठेसला, कुमारी सहित आसपास के गांवों के निवासी हैं।
पुलिस ने सभी मजदूरों को चाय-नाश्ता उपलब्ध कराया और बाद में उन्हें सुरक्षित रूप से उनके गांवों तक पहुंचाया गया।
दलालों की तलाश जारी
प्रतापगढ़ पुलिस अब उन दलालों की गहन तलाश में जुटी है, जिन्होंने मजदूरों की मेहनत की लाखों रुपये की राशि हड़प ली और फरार हो गए। पुलिस का कहना है कि इस मामले में मानव तस्करी, बंधक मजदूरी और धोखाधड़ी जैसी गंभीर धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।