
मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार का सख्त एक्शन लगातार जारी है। एसटीएफ मेरठ यूनिट ने सोमवार रात मुरादाबाद में हाई-प्रोफाइल इनामी आसिफ टिड्डा (इनाम: 1 लाख) और उसके गैंग के सदस्य दीनू (इनाम: 50 हजार) को एनकाउंटर में मार गिराया।
आसिफ टिड्डा और दीनू ने मुरादाबाद के एक प्रॉपर्टी कारोबारी हाजी जफर से 1 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी और ना देने पर जानलेवा हमला भी किया। एनकाउंटर के दौरान मुरादाबाद के एसएसपी सतपाल अंतिल और एसटीएफ के एएसपी ब्रजेश सिंह भी बुलेट प्रूफ जैकेट में लगी गोली से बाल-बाल बचे।
आसिफ टिड्डा की आपराधिक यात्रा
कुख्यात अपराधी आसिफ उर्फ टिड्डा मूल रूप से गाजियाबाद जिले के गांव कलछीना का रहने वाला था। पिता की मृत्यु के बाद वह मेरठ के रसीद नगर में रहने लगा और अपने जैसे कुछ लड़कों के साथ गैंग बना लूटपाट की वारदातों को अंजाम देने लगा। टिड्डा पर मेरठ पुलिस ने 2005 में चोरी का पहला मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद उसके खिलाफ यूपी, दिल्ली और हरियाणा समेत कई राज्यों में कुल 65 मामले दर्ज किए गए।
टिड्डा और उसका गैंग कई जिलों में लूट, हत्या, डकैती और हमले जैसी वारदातों में शामिल रहा। इस साल सितंबर में टिड्डा गैंग ने हाजी जफर के घर पर फायरिंग भी की थी।
दीनू का जुड़ाव और इतिहास
दूसरा आरोपी दीनू मेरठ के सरूरपुर थाना क्षेत्र के गांव खिवाई का रहने वाला था। वह 2007 से अपराध की दुनिया में था और आसिफ के गैंग से जुड़ गया। दीनू के खिलाफ 2009 में सरूरपुर थाने में हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। मार्च 2020 में वह मुजफ्फरनगर में डकैती, अपहरण और हत्या में भी शामिल था।
एसएसपी सतपाल अंतिल का बयान
एसएसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि आसिफ टिड्डा और गैंग ने उत्तर प्रदेश के मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर और उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा में अपराध की दर्जनों घटनाओं को अंजाम दिया। टिड्डा गैंग की यह कार्रवाई पुलिस के लिए लगातार चुनौती बनकर उभरी हुई थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस का दावा है कि टिड्डा और दीनू के एनकाउंटर से अपराधियों में डर फैल गया है और यह राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है।