
नई दिल्ली। क्रिसमस का नाम आते ही जिस गीत की धुन सबसे पहले कानों में गूंजती है, वह है—
‘Jingle Bells, Jingle Bells, Jingle All The Way…’
खुशी, उल्लास और त्योहार की रौनक से भरा यह गीत आज दुनिया के सबसे लोकप्रिय क्रिसमस सॉन्ग्स में शामिल है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि ‘जिंगल बेल्स’ असल में क्रिसमस के लिए लिखा ही नहीं गया था।
क्रिसमस नहीं, थैंक्सगिविंग से जुड़ा है ‘जिंगल बेल्स’
‘जिंगल बेल्स’ को साल 1857 में अमेरिकी संगीतकार जेम्स लॉर्ड पियरपोंट ने लिखा था। वे अमेरिका के मैसाचुसेट्स राज्य के मेडफोर्ड शहर से थे। यह गीत उन्होंने थैंक्सगिविंग फेस्टिवल के आसपास होने वाली बर्फीली सड़कों पर घोड़ागाड़ी (Sleigh) की सवारी और शहर में होने वाली वार्षिक स्लेज रेस की यादों से प्रेरित होकर लिखा था।
इस गीत का असली नाम था—
‘One Horse Open Sleigh’
यानि एक घोड़े वाली खुली स्लेज में सवारी का मजा, बर्फ पर फिसलती गाड़ी, घंटियों की झन-झन और ठंड के मौसम की मस्ती।
कैसे बना ‘जिंगल बेल्स’?
धीरे-धीरे यह गीत अमेरिका में बेहद लोकप्रिय हो गया और लोग इसे इसके कोरस—
‘Jingle Bells’
के नाम से पहचानने लगे। यही नाम आगे चलकर इसकी पहचान बन गया।
स्पेस में बजने वाला दुनिया का पहला गीत
‘जिंगल बेल्स’ से जुड़ा एक रोचक तथ्य यह भी है कि यह अंतरिक्ष में बजाया जाने वाला दुनिया का पहला गीत है।
16 दिसंबर 1965 को Gemini-6A स्पेस मिशन के दौरान अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स ने मजाक में हारमोनिका और घंटियों पर ‘जिंगल बेल्स’ बजाया, जिसे कंट्रोल रूम ने रिकॉर्ड कर लिया। आज यह रिकॉर्डिंग ऑनलाइन भी उपलब्ध है।
‘Jingle Bells’ का मतलब क्या है?
इस गीत में
Jingle का अर्थ है घंटी की झन-झन आवाज
Bells का मतलब है घंटियां
पुराने समय में बर्फ पर चलने वाली घोड़ागाड़ियों में घंटियां लगाई जाती थीं, क्योंकि बर्फ पर पहियों या पैरों की आवाज सुनाई नहीं देती थी। घंटियों की आवाज से दूर से ही पता चल जाता था कि कोई स्लेज आ रही है।
क्यों बना यह गीत इतना खास?
बर्फीली सड़कों पर सवारी, हंसी-मजाक, गिरना-पड़ना और दोस्तों के साथ मस्ती—इन सभी पलों को बेहद सरल और जीवंत शब्दों में बयां करता यह गीत आज खुशी और उत्सव का प्रतीक बन चुका है। इसी वजह से भले ही यह क्रिसमस के लिए नहीं लिखा गया हो, लेकिन आज क्रिसमस ‘जिंगल बेल्स’ के बिना अधूरा माना जाता है।