
जयपुर। नाबालिग से दुष्कर्म के गंभीर आरोपों में फंसे आईपीएल क्रिकेटर यश दयाल को अदालत से कोई राहत नहीं मिली है। जयपुर की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने आरोपों को अत्यंत गंभीर मानते हुए मामले में सुनवाई से इनकार कर दिया।
पॉक्सो स्पेशल कोर्ट क्रमांक-3, महानगर प्रथम की पीठासीन अधिकारी अलका बंसल ने कहा कि आरोपी पर नाबालिग से दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोप हैं, ऐसे मामलों में अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती। पीड़िता के अधिवक्ता और आरोपी पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने यह निर्णय सुनाया।
क्रिकेटर की ओर से दी गई दलीलें
अग्रिम जमानत के लिए यश दयाल की ओर से दलील दी गई कि उनके खिलाफ पहले गाजियाबाद में मामला दर्ज हुआ था, जिस पर उच्च न्यायालय ने कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। इसके बाद जयपुर के सांगानेर सदर थाना क्षेत्र में दोबारा एफआईआर दर्ज कराई गई।
बचाव पक्ष ने यह भी दावा किया कि आरोपी के खिलाफ एक संगठित गिरोह काम कर रहा है और यह मामला दो साल पुराने कथित घटनाक्रम को लेकर दर्ज कराया गया है। वकील ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता एक पेशेवर क्रिकेटर है और समाज में उसकी प्रतिष्ठा है।
पीड़िता पक्ष ने किया कड़ा विरोध
सरकारी अधिवक्ता रचना मान ने अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी ने पीड़िता को क्रिकेट में करियर बनाने का झांसा देकर कई बार शारीरिक संबंध बनाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि नाबालिग की सहमति का कानून में कोई महत्व नहीं होता, इसलिए आरोपी को किसी भी तरह की राहत नहीं दी जानी चाहिए।
क्या है पूरा मामला
पीड़िता की शिकायत के अनुसार, आईपीएल क्रिकेटर यश दयाल ने उसे क्रिकेटर बनाने का सपना दिखाकर यौन शोषण किया। आरोप है कि 11 अप्रैल 2025 की रात एक होटल में दुष्कर्म किया गया, जबकि इससे पहले 2023 में भी उसके साथ दुष्कर्म हुआ था। घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी।
पुलिस ने मामले में पॉक्सो एक्ट और बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद अब यश दयाल की कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। मामले में आगे की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।