Wednesday, December 24

केरल में SIR के बाद मतदाता सूची से हटे 24 लाख से अधिक नाम चुनाव आयोग ने जारी किया ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल, दावे-आपत्तियों का मौका

 

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तिरुवनंतपुरम।

केरल में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision–SIR) प्रक्रिया पूरी होने के बाद मतदाता सूची से 24.08 लाख से अधिक वोटरों के नाम हटा दिए गए हैं। चुनाव आयोग ने मंगलवार को राज्य की ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल जारी कर दी।

 

चुनाव आयोग के अनुसार, राज्य में कुल 2,78,50,855 पंजीकृत मतदाताओं में से 2,54,42,352 मतदाताओं ने अपने एन्यूमरेशन फॉर्म समय पर जमा किए थे। शेष मतदाताओं के नाम विभिन्न कारणों से सूची से हटाए गए हैं।

 

नाम हटाए जाने के प्रमुख कारण

 

चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मतदाता सूची से हटाए गए नामों के पीछे कई वजहें सामने आई हैं—

 

6,49,885 मतदाता (2.33%) मृत पाए गए

14,61,769 मतदाता (5.25%) स्थानांतरण या अनुपस्थिति के कारण सूची से बाहर किए गए

1,36,029 मतदाता (0.49%) एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत पाए गए

इसके अलावा, कुछ मतदाताओं ने 18 दिसंबर तक एन्यूमरेशन फॉर्म जमा नहीं किए, जबकि कुछ ने मतदाता के रूप में पंजीकरण की इच्छा नहीं जताई

 

23 दिसंबर से 22 जनवरी तक दावे और आपत्तियां

 

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि एन्यूमरेशन की प्रक्रिया मंगलवार को पूरी हो चुकी है, लेकिन 23 दिसंबर 2025 से 22 जनवरी 2026 तक कोई भी नागरिक योग्य मतदाताओं के नाम जुड़वाने या अयोग्य नामों को हटाने के लिए दावा या आपत्ति दर्ज करा सकता है।

 

व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया

 

प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि इस प्रक्रिया को पारदर्शी और समावेशी बनाने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO), जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) और इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर्स (ERO) ने राज्यभर में व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाया।

इसके तहत राजनीतिक दलों के साथ कई बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें पूरी प्रक्रिया और प्रगति की जानकारी साझा की गई।

 

घर-घर जाकर फॉर्म बांटे गए

 

बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) ने 27 अक्टूबर तक मतदाता सूची में दर्ज सभी मतदाताओं के घर-घर जाकर एन्यूमरेशन फॉर्म वितरित किए।

फॉर्म जमा कराने के लिए कम से कम तीन बार विजिट की गई। बूथ लेवल एजेंट्स को प्रतिदिन 50 फॉर्म तक जमा करने की अनुमति दी गई, ताकि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए।

 

चुनाव आयोग ने दावा किया कि वॉलंटियर्स और बूथ लेवल एजेंट्स की मदद से यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास किया गया कि कोई भी योग्य नागरिक मतदाता सूची से बाहर न रहे।

 

 

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