
सीकर: राजस्थान पुलिस के चर्चित और दबंग आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन जल्द ही केंद्र सरकार में अपनी सेवाएं देने जा सकते हैं। 1995 बैच के आईपीएस और वर्तमान में एडीजी (क्राइम) पद पर तैनात दिनेश एमएन ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी है। उनके दिल्ली में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की संभावना है।
इस बीच, एडीजी दिनेश एमएन ने प्रदेश में बढ़ते संगठित अपराध और गैंगवार के खिलाफ सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “अंतिम मंजिल अब सिर्फ गोली और जेल ही होगी। अपराधी ही नहीं, उनसे जुड़े लोग, जो सहयोग या जानकारी देते हैं, भी गिरफ्तारी से नहीं बचेंगे।”
जागरूकता और चेतावनी:
दिनेश एमएन ने युवाओं को आगाह किया कि गैंगस्टरों को हीरो मानने से कोई फायदा नहीं। आनंदपाल और राजू ठेहठ जैसे उदाहरण सामने हैं। उन्होंने कहा कि विदेश में भेजने और करोड़ों रुपए देने का वादा केवल धोखा है, हकीकत में अपराध और उसके साथी जेल में सड़ते हैं।
नए कानून और कार्रवाई:
एडीजी ने बताया कि संगठित अपराध रोकने के लिए बनाए गए नए कानूनों के तहत अपराधियों की चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया जाएगा। जेल में बंद अपराधियों की बेनामी और अवैध संपत्तियों की लिस्टिंग की जा रही है। नई गैंगों से जुड़ने वाले युवाओं की तुरंत पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी।
अपराधियों से जुड़े नेटवर्क पर शिकंजा:
दिनेश एमएन ने कहा कि जो लोग गैंगस्टरों तक पहुंच बनाने में मदद करते हैं या धमकियों में सहयोग करते हैं, उन्हें भी रडार पर रखकर गिरफ्तार किया जाएगा। नशे की तस्करी और बिक्री में शामिल लोगों पर भी सख्त कार्रवाई होगी।
विदेश में बैठे अपराधियों पर भी कार्रवाई:
एडीजी ने बताया कि पिछले एक साल में राजस्थान पुलिस ने देश के बाहर से पांच अपराधियों को गिरफ्तार कर भारत लाया है। दुबई से आदित्य जैन, अमेरिका से अमित पंडित और जग्गा दुर्गत की गिरफ्तारी प्रक्रिया जारी है, जबकि इटली से अमरजीत बिश्नोई और सुधा कंवर को डिपोर्ट कराने की कार्रवाई चल रही है। इन अपराधियों का कनेक्शन राजस्थान के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में भी है, और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी भी सक्रिय है।
दिनेश एमएन की चेतावनी स्पष्ट है: “अपराध का अंत सिर्फ बर्बादी है, और कोई भी इसका हिस्सा बनने की भूल न करे।”