
बाड़मेर: राजस्थान की चर्चित आईएएस अधिकारी और बाड़मेर की जिला कलेक्टर टीना डाबी इन दिनों प्रशासनिक अनुशासन और जनसुविधाओं के मुद्दों को लेकर सुर्खियों में हैं। शुक्रवार को नगर परिषद के ‘शहरी समस्या समाधान शिविर’ में हुई घटना ने जिले के प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
शुक्रवार शाम करीब 5 बजे, प्रभारी सचिव सुबीर कुमार जब शिविर का निरीक्षण करने पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि शिविर में बिना किसी जिम्मेदार अधिकारी के काम चल रहा था। इस अव्यवस्था पर सचिव ने कड़ी फटकार लगाते हुए अधिशाषी अभियंता सूर्य प्रकाश संचेती से पूछा, “बिना आयुक्त के कैंप चल रहा है? अफसरों को कौन सा बुखार चढ़ गया है?”
सचिव की नाराजगी के बीच, भाजपा नेता राकेश कुलदीप ने भी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नगर परिषद में केवल उन्हीं लोगों के काम हो रहे हैं जिनकी ‘सिफारिश’ है या जो ‘पैसा’ देते हैं। आम जनता की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है।
हालांकि, घटना के कुछ ही मिनटों बाद कलेक्टर टीना डाबी खुद मौके पर पहुंचीं और इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। उनके आगमन ने तत्काल स्थिति को संभाला, लेकिन जिले की प्रशासनिक साख पर पहले ही सवाल उठ चुके थे।
प्रभारी सचिव ने मीडिया से बातचीत में स्वीकार किया कि शहर में सड़कों की हालत और पानी की समस्या गंभीर हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि कलेक्टर को विभिन्न विभागों (PWD, RUIDP, नगर परिषद) के साथ कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक करनी होगी ताकि जनता की समस्याओं का समाधान हो सके।
इस घटना ने बाड़मेर प्रशासन में कोऑर्डिनेशन और जवाबदेही की कमी पर गंभीर चेतावनी दी है। यह साफ संकेत है कि समय रहते प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करना आवश्यक है, ताकि आम जनता को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।