
पुणे: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की जमीन डील राजनीतिक और कानूनी विवादों में फंस गई है। पुणे के मुंडवा इलाके में 40 एकड़ सरकारी जमीन के सौदे को रद्द करने के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस ने Amadea Enterprises LLP को 21 करोड़ रुपये की स्टाम्प ड्यूटी और जुर्माना भरने का आदेश दिया है।
🔹 कौन है अमेडिया इंटरप्राइजेज?
- Amadea Enterprises LLP में पार्थ पवार की 99% हिस्सेदारी है।
- आरोप है कि कंपनी ने 1800 करोड़ रुपये की मार्केट वैल्यू वाली जमीन मात्र 300 करोड़ में खरीदी।
- पहले ही इस मामले में दो एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जिसमें दिग्विजय पाटिल और शीतल तेजवाणी आरोपी हैं।
🔹 जमीन का इतिहास
- यह जमीन दलित आरक्षित “महार वतन” की है।
- 1959 में सरकार ने 15 साल के लिए बॉटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया को लीज दी थी, और 1999 में इसे 2038 तक बढ़ा दिया गया।
- आरोप है कि शीतल तेजवाणी ने कागजों में हेराफेरी कर 272 लोगों की पावर ऑफ अटॉर्नी हासिल की और सौदा किया।
🔹 रजिस्ट्रार का नोटिस
- कंपनी ने 500 रुपये के स्टाम्प पेपर पर कैंसलेशन डीड बनाकर सौदा रद्द करने का आवेदन किया।
- पुणे के सब रजिस्ट्रार (क्लास II) ए पी फुलारे ने नियमों के आधार पर 21 करोड़ रुपये की स्टाम्प ड्यूटी और जुर्माना भरने का आदेश दिया।
- नोटिस में कंपनी को स्टाम्प ड्यूटी, 5% जुर्माना, 1% लोकल इंस्टिट्यूशन टैक्स और 1% मेट्रो टैक्स का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं।
🔹 क्या हुआ मई में?
- 20 मई 2025 को यह जमीन 300 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी।
- कंपनी ने 1 फरवरी 2024 की सरकारी सूचना का हवाला देकर स्टाम्प ड्यूटी में छूट मांगी थी, क्योंकि यह डेटा सेंटर और आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए थी।
- अब प्रोजेक्ट रद्द होने के कारण छूट का आधार खत्म हो गया।
🔹 राजनीतिक पारा
- अजित पवार ने पहले दावा किया था कि डील रद्द हो गई और उनके बेटे को सरकारी जमीन होने का पता नहीं था।
- लेकिन रजिस्ट्रार ऑफिस का नोटिस पार्थ पवार और कंपनी के लिए कानूनी चुनौती बन गया है।
निष्कर्ष:
पार्थ पवार की इस लैंड डील में कानूनी और वित्तीय पेच ने मामला और गंभीर बना दिया है। अब देखना यह है कि Amadea Enterprises LLP 21 करोड़ रुपये की स्टाम्प ड्यूटी और जुर्माना चुकाने के बाद इस विवाद से कैसे बाहर निकलती है।