
गोरखपुर, 18 दिसंबर 2025: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक महिला की दिल दहला देने वाली कहानी सामने आई है। बिहार की दरभंगा निवासी यह महिला अपनी शादी के कुछ माह बाद ही तन्हा रह गई। दिल्ली में अपने पति के अचानक छोड़ देने के बाद, गर्भवती महिला ने घरों में काम करके अपने पेट में पल रहे बच्चे के लिए जिंदगानी की लड़ाई लड़ी।
महिला ने 14 दिसंबर को दिल्ली से बिहार के लिए ट्रेन पकड़ी, लेकिन रास्ते में तेज दर्द के कारण गोरखपुर में रेलवे स्टाफ और जीआरपी की मदद से जिला अस्पताल लाया गया। 15 दिसंबर को उसने अपने बेटे को जन्म दिया। जन्म के बाद महिला ने शुरुआत में बच्चे को अपनाने से मना किया, यहां तक कि उसे दूध भी नहीं पिलाया और कहा, “इसे कूड़ेदान में फेंक दो, यह मेरे बेवफा पति का बच्चा है।”
लेकिन मातृत्व की ममता ने जीत हासिल की। दो दिन बाद, 17 दिसंबर को महिला ने रोते-रोते अपने बेटे को दूध पिलाया और उसे पालने का संकल्प लिया। महिला ने डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ को अपनी आपबीती सुनाई, जिसे सुनकर सभी भावुक हो गए।
महिला ने बताया, “जिसने मेरे साथ जीने-मरने की कसमें खाई, वह धोखा देकर चला गया। उस समय मन बहुत टूट गया था। लेकिन जब लगा कि मेरा बच्चा मुझसे दूर चला जाएगा, तो मैंने अपने बेटे को अपनाने और पालने का निर्णय लिया।”
अस्पताल प्रशासन और आसपास के लोगों ने महिला को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। एसआईसी जयकुमार ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों अब ठीक हैं और उनकी देखभाल अस्पताल में जारी रहेगी।