
कोपेनहेगेन।
डेनमार्क में अब शैक्षणिक संस्थानों में भी बुर्का, नकाब और चेहरे ढकने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। पहले से ही देश में सार्वजनिक स्थानों पर पूरे चेहरे को ढकने पर रोक है, और अब इसे स्कूलों और यूनिवर्सिटी तक बढ़ाया जाएगा।
इंटीग्रेशन मंत्री का बयान:
डेनमार्क के इमिग्रेशन और इंटीग्रेशन मंत्री रासमस स्टॉकलुंड ने कहा, “बुर्का, नकाब या ऐसे कपड़े जो चेहरे छिपाते हैं, उनकी डेनमार्क के क्लासरूम में कोई जगह नहीं है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक जगहों पर पहले से लागू प्रतिबंध अब शैक्षणिक संस्थानों में भी लागू होना चाहिए।
कानूनी पहल:
डेनमार्क प्रशासन ने अगस्त 2018 में सार्वजनिक स्थानों पर पूरे चेहरे को ढकने वाले कपड़ों पर पूरी तरह रोक लगा दी थी, जिसमें बुर्का और नकाब शामिल थे। अब इस नियम को स्कूलों और यूनिवर्सिटी तक विस्तारित करने की योजना है। रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में बिल फरवरी 2026 में संसद में पेश किया जाएगा।
प्रधानमंत्री का रुख:
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने जून में कहा था कि चेहरे को ढकने वाले प्रतिबंध को शैक्षणिक संस्थानों तक बढ़ाना उनकी सरकार का उद्देश्य है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में प्रार्थना कक्ष को स्कूलों से हटाने की योजना है। फ्रेडरिक्सन ने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र पहले आता है, आस्थावान होने और धर्म का पालन करने का अधिकार है, लेकिन शैक्षणिक संस्थानों में पूरे चेहरे को ढकने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
समाज और अभिप्राय:
प्रतिबंध के समर्थकों का कहना है कि यह नियम अप्रवासी पृष्ठभूमि के मुसलमानों को डेनिश समाज में बेहतर ढंग से घुलने-मिलने में मदद करेगा। इससे शैक्षणिक संस्थानों में समानता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
यूरोप में अन्य देश:
हाल ही में ऑस्ट्रिया ने भी 14 साल से कम उम्र की लड़कियों के लिए स्कूलों में हेडस्कार्फ पर बैन लागू किया था, जिसे संसद ने 11 दिसंबर को पारित किया।
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