
सुपौल। सपनों की कोई जाति, कोई सीमा और कोई गरीबी नहीं होती—बस ज़रूरत होती है जिद, मेहनत और हौसले की। बिहार के सुपौल जिले के छोटे से गांव ठुठी से निकले मोहम्मद इजहार ने यही साबित कर दिखाया है। कभी दो वक्त की रोटी और भविष्य की चिंता से जूझने वाला यह युवा आज आईपीएल में मुंबई इंडियन्स की जर्सी पहनने जा रहा है। IPL ऑक्शन में उन्हें 30 लाख रुपये में खरीदा गया है।
संघर्षों में पली क्रिकेट की जिद
सुपौल के छातापुर प्रखंड स्थित ठुठी गांव निवासी इजहार बेहद साधारण और गरीब परिवार से आते हैं। बचपन से ही उनका जीवन अभावों और संघर्षों में बीता। क्रिकेट खेलने की चाहत को लेकर उन्हें न सिर्फ समाज के ताने सुनने पड़े, बल्कि कई बार घर में मार भी खानी पड़ी। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी।
घर छोड़ मैदान को चुना
इजहार ने एक दिन घरवालों से साफ कह दिया था— “देखना, एक दिन मैं इंटरनेशनल क्रिकेट खेलूंगा।” क्रिकेट के सपने को साकार करने के लिए उन्होंने घर तक छोड़ दिया और वीरपुर में कोसी क्रिकेट क्लब से जुड़कर अभ्यास शुरू किया। पढ़ाई छोड़ मैदान चुनने का फैसला आसान नहीं था, लेकिन यही फैसला उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट बन गया।
सरकारी नौकरी की चाह, बेटे का अलग सपना
परिवार चाहता था कि इजहार पढ़-लिखकर कोई साधारण या सरकारी नौकरी करें, जिससे घर की हालत सुधर सके। मगर इजहार के दिल में तो केवल क्रिकेट था। किताबों की जगह उन्होंने गेंद को चुना और अपनी मेहनत से सभी को गलत साबित कर दिया।
तेज गेंदबाजी ने बदली किस्मत
लेफ्ट आर्म फास्ट बॉलर इजहार ने हाल ही में सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में छत्तीसगढ़ के खिलाफ डेब्यू किया। इसके बाद मध्य प्रदेश के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए 4 विकेट झटककर उन्होंने क्रिकेट जगत का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। तभी से माना जाने लगा था कि इजहार अब ज्यादा दिन गुमनाम नहीं रहने वाले।
IPL तक पहुंचने का सफर
2019-20 में राज्य स्तर पर चयन के बाद इजहार ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2025 में वे चेन्नई सुपर किंग्स के साथ नेट बॉलर के रूप में जुड़े और वहीं से उनके IPL सफर की नींव पड़ी। मेहनत, अनुशासन और निरंतर प्रदर्शन का नतीजा अब सामने है—मुंबई इंडियन्स की जर्सी।
‘लखटकिया बेटा’ बना परिवार का गौरव
जिस बेटे को कभी क्रिकेट खेलने पर डांट और मार पड़ती थी, आज वही बेटा लाखों रुपये का खिलाड़ी बनकर पूरे परिवार और जिले का नाम रोशन कर रहा है। मोहम्मद इजहार की कहानी बिहार के उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो गरीबी और कठिनाइयों के बावजूद बड़े सपने देखने की हिम्मत रखते हैं।