
सतना – कड़ाके की ठंड का दूसरा दौर रविवार से शुरू हो गया है। जिले में घने कोहरे और बर्फीली हवाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार सुबह शहर और ग्रामीण इलाकों में विजिबिलिटी घटकर मात्र 20 मीटर रह गई। लोग ठिठुरन और कंपकंपी से जूझते नजर आए।
रविवार रात से छाया घना कोहरा सोमवार सुबह तक बना रहा। शहर में मध्यम कोहरा था, जबकि ग्रामीण इलाकों में धुंध इतनी घनी थी कि दिन में भी वाहन चालकों को हेडलाइट जलानी पड़ी। हाईवे और संपर्क मार्गों पर गाड़ियां रेंगती हुई चलती नजर आईं। सुबह के बाद तेज धूप खिली, लेकिन बर्फीली हवाओं ने ठंड की कड़वाहट बरकरार रखी।
मौसम विभाग के अनुसार, न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से काफी कम है। अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जिसमें बादलों के छाने से 1.5 डिग्री की गिरावट देखी गई। सुबह हवा में नमी 86% और शाम को 67% रही।
रेल यातायात भी प्रभावित
कोहरे का सबसे बुरा असर रेल यातायात पर पड़ा। सतना स्टेशन से गुजरने वाली कई प्रमुख ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों लेट पहुंचीं। प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को ठंड में ठिठुरते हुए इंतजार करते देखा गया।
किसानों की फसलें खतरे में
घने कोहरे और ठंड के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है। कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दलहन और तिलहन की फसलें विशेष रूप से प्रभावित हो सकती हैं। जिन फसलों में अभी फूल आ रहे हैं, उन पर कोहरे का असर सबसे ज्यादा होगा, जिससे पैदावार घटने की संभावना है।
सतना में मौसम का यह मिजाज आम लोगों और किसानों दोनों के लिए चुनौती बन गया है।