
मुंबई: सर्दियों का मौसम नवजात शिशुओं के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ठंड उन्हें जल्दी लगती है और उनकी प्रतिरक्षा कमजोर होने के कारण वे आसानी से बीमार पड़ सकते हैं। डॉ. मंजू कुमारी, कंसल्टेंट-क्रिटिकल केयर मेडिसिन, नारायणा हेल्थ एसआरसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, मुंबई ने नए माता-पिता के लिए जरूरी सावधानियां साझा की हैं।
नवजात शिशु को ठंड से बचाने के उपाय
- बच्चे के सिर और पैरों को टोपी व मोजों से ढकें।
- कमरे का तापमान हल्का-गरम रखें।
- सोते समय बच्चे पर कंबल न रखें, क्योंकि इससे SIDS (सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम) का खतरा बढ़ सकता है।
- नहलाने के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग करें, और समय 2–3 मिनट से अधिक न हो।
संक्रमण से बचाव के 5 आसान उपाय
- जन्म के शुरुआती हफ्तों में घर पर कम से कम लोगों को आने दें।
- बच्चे को उठाने से पहले हाथ अच्छी तरह धोएं।
- सर्दी-जुकाम या संक्रमण वाले लोगों को बच्चे से दूर रखें।
- बच्चे के सोने, खेलने और दूध पिलाने की जगह साफ-सुथरी रखें।
- सभी टीकाकरण समय पर करवाएं और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।
ड्राईनेस और गंदगी से बचाएं
- घर की सूखी हवा और धुआं/स्मॉग नवजात की त्वचा और फेफड़ों पर असर डाल सकते हैं।
- हल्का बेबी-सेफ मॉइस्चराइजर लगाएं। सुगंधित साबुनों से बचें।
- यदि नाक बंद हो तो डॉक्टर द्वारा सुझाए सेलाइन ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।
पेरेंट्स को ध्यान रखने योग्य बातें
- बच्चे को धुआं, परफ्यूम, अगरबत्ती, हीटर के धुएं और तेज गंध से दूर रखें।
- सोने की जगह साफ और बिना धूल-गंध वाली होनी चाहिए।
- बच्चे में सांस लेने में कठिनाई, तेज सांसें या असामान्य आवाजें दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
चेतावनी संकेत: तुरंत लें मेडिकल मदद
- तेज या कठिनाई से सांस लेना
- दूध पीने से इनकार या बहुत कम पीना
- बुखार या शरीर का अत्यधिक ठंडा होना
- असामान्य सुस्ती या प्रतिक्रिया
- त्वचा का नीला या बहुत पीला दिखाई देना
निष्कर्ष: सर्दियों में नवजात शिशु की सुरक्षा पूरी तरह माता-पिता की जागरूकता पर निर्भर है। समय पर सावधानी और मेडिकल चेकअप से गंभीर जटिलताओं को रोका जा सकता है और बच्चे की जान सुरक्षित रखी जा सकती है।
(सभी तस्वीरें प्रतीकात्मक, स्रोत- Pexels.com)