Monday, December 15

बीजेपी ने घोषित किए राष्ट्रीय परिषद के 120 सदस्यपीएम मोदी, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ सहित दिग्गज नेताओं को मिली जिम्मेदारी

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय परिषद के 120 सदस्यों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, स्मृति ईरानी, केशव प्रसाद मौर्य सहित कई केंद्रीय और प्रदेश स्तर के वरिष्ठ नेताओं को राष्ट्रीय परिषद का सदस्य बनाया गया है।

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इसके साथ ही उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी का निर्विरोध चुनाव भी संपन्न हो गया। केंद्रीय चुनाव अधिकारी पीयूष गोयल ने उनके नाम की औपचारिक घोषणा की।

यूपी से शीर्ष नेतृत्व को मिली जगह

राष्ट्रीय परिषद की सूची में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लखनऊ से राजनाथ सिंह, गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ, प्रयागराज से केशव प्रसाद मौर्य, उन्नाव से बृजेश पाठक, मुरादाबाद से भूपेंद्र चौधरी, सुलतानपुर से स्मृति ईरानी, वाराणसी से डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, देवरिया से सूर्य प्रताप शाही, बांदा से स्वतंत्र देव सिंह और शाहजहांपुर से सुरेश कुमार खन्ना को शामिल किया गया है।

इसके अलावा आजमगढ़ से दारा सिंह चौहान, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति और कौशांबी से विनोद सोनकर को भी राष्ट्रीय परिषद सदस्य नियुक्त किया गया है।

संगठन और क्षेत्रीय संतुलन पर जोर

सूची में पश्चिमी यूपी, पूर्वांचल, बुंदेलखंड और अवध क्षेत्र से नेताओं को प्रतिनिधित्व देकर संगठनात्मक संतुलन साधने की कोशिश की गई है। इटावा से राम शंकर कठेरिया, प्रतापगढ़ से डॉ. महेंद्र सिंह, बस्ती से हरीश द्विवेदी, लखनऊ से कौशल किशोर, बाराबंकी से प्रियंका रावत, गोंडा से रामापति शास्त्री, सहारनपुर से राघवलखन पाल, मुजफ्फरनगर से डॉ. सुभाष चंद्र शर्मा और बिजनौर से डॉ. यशवंत सिंह जैसे नाम भी सूची में शामिल हैं।

महिलाओं और पिछड़ा वर्ग को भी प्रतिनिधित्व

राष्ट्रीय परिषद में महिलाओं और पिछड़ा वर्ग के नेताओं को भी जगह दी गई है। दर्शना सिंह, प्रेमलता कटियार, पूर्णिमा वर्मा, पुष्पा देवी, कविता पटेल, शारदा चौहान, सीमा द्विवेदी, नीलम सोनकर और विमला बाथम जैसे नाम इसका उदाहरण हैं।

आगामी चुनावों की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा फैसला

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राष्ट्रीय परिषद की यह घोषणा केवल संगठनात्मक औपचारिकता नहीं, बल्कि 2026 के पंचायत चुनाव, 2027 के विधानसभा चुनाव और 2029 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर की गई रणनीतिक कवायद है। यूपी जैसे बड़े राज्य में शीर्ष नेतृत्व से लेकर जमीनी नेताओं को एक मंच पर लाकर पार्टी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि आने वाले चुनावी दौर में संगठन को और मजबूत किया जाएगा।

कुल मिलाकर, बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद की यह सूची पार्टी के अनुभव, क्षेत्रीय संतुलन और सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश को दर्शाती है, जिसमें केंद्र और प्रदेश के बड़े चेहरों को अहम भूमिका सौंपी गई है।

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