Monday, December 15

नोएडा में सांस लेना हुआ दूभर693 AQI के साथ देश का सबसे प्रदूषित शहर बना नोएडा, प्रदूषण–कोहरे का डबल अटैक

नोएडा। दिल्ली-एनसीआर का प्रमुख शहर नोएडा सोमवार को प्रदूषण और घने कोहरे के दोहरे संकट से जूझता नजर आया। शहर का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 693 तक पहुंच गया, जो ‘अत्यंत खतरनाक’ श्रेणी में आता है। इस आंकड़े के साथ नोएडा पूरे देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर बन गया। हालात इतने गंभीर हैं कि विशेषज्ञों ने लोगों को मास्क पहनने और घरों के भीतर रहने की सलाह दी है।

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एक दिन में रिकॉर्ड उछाल, बिगड़े हालात

रविवार को जहां नोएडा का AQI 466 दर्ज किया गया था, वहीं सोमवार सुबह यह सीधे 693 तक पहुंच गया। यह इस सीजन का अब तक का सबसे कठिन और चिंताजनक दिन माना जा रहा है। प्रदूषण के साथ-साथ घने कोहरे ने भी स्थिति को और बदतर कर दिया। सुबह नौ बजे तक कई इलाकों में दृश्यता महज 20 मीटर तक सिमटी रही।

कोहरे की चादर, सड़कों पर रेंगते वाहन

सुबह के समय नोएडा के सेक्टरों, प्रमुख सड़कों और एक्सप्रेसवे पर कोहरे की घनी परत छाई रही। नोएडा–ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर दृश्यता बेहद कम होने के कारण वाहन चालकों को हेडलाइट और फॉग लाइट के सहारे धीमी रफ्तार में चलना पड़ा। कई स्थानों पर ट्रैफिक की गति थम सी गई, जिससे लोगों को दफ्तर और जरूरी सेवाओं तक पहुंचने में देरी हुई।

स्वास्थ्य पर सीधा असर

प्रदूषण का असर लोगों की सेहत पर साफ दिखाई दे रहा है। सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायतें आम हो गई हैं। अस्पतालों में खांसी, एलर्जी और सांस फूलने के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा दर्ज किया गया है। डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की चेतावनी दी है।

मौसम का हाल

मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को नोएडा का अधिकतम तापमान 26.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। सूर्योदय सुबह 7:06 बजे और सूर्यास्त शाम 5:26 बजे हुआ। हालांकि धूप निकलने के बावजूद प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना रहा।

विशेषज्ञों की सलाह

विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह की सैर, खुले में व्यायाम और अनावश्यक बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है। मास्क का उपयोग, घरों में एयर प्यूरीफायर और पर्याप्त पानी पीने पर जोर दिया गया है।

नोएडा में बिगड़ती हवा की गुणवत्ता ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर रहेंगे। हालात फिलहाल राहत के संकेत नहीं दे रहे हैं और प्रशासन के लिए यह एक गंभीर चेतावनी बनकर सामने आया है।

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