
मुंबई/दुबई: यह कहानी है रिजवान साजन की, जिन्होंने मुंबई के घाटकोपर की झुग्गी से शुरुआत की और आज दुबई समेत 40 से ज्यादा देशों में अपना कारोबार फैला रखा है। डेन्यूब ग्रुप (Danube Group) के फाउंडर और चेयरमैन रिजवान का टर्नओवर 4 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है और उनके ग्रुप में करीब 6,000 लोग कार्यरत हैं।
मुश्किलों से भरी शुरुआत
रिजवान का जन्म मुंबई के घाटकोपर इलाके की झुग्गी में हुआ। 16 साल की उम्र में पिता का निधन हो गया, और घर की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। पढ़ाई अधूरी रह गई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। सुबह 4 बजे उठकर दूध और अखबार बाँटे, त्योहारों पर पटाखे और राखियां बेचीं। यही अनुभव उनके सेल्स स्किल को निखारने में मददगार साबित हुआ।
कुवैत से मिली पहली नौकरी और बदलती किस्मत
1982 में रिश्तेदार के जरिए उन्हें कुवैत में सेल्समैन की नौकरी मिली। भारतीय रुपये में कमाई अपेक्षाकृत कम थी, लेकिन कुवैत में वेतन और कमीशन की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। कुछ वर्षों में वेतन बढ़ा और उन्होंने अपनी बहन की शादी करवाई, खुद का मकान खरीदा और जीवन की पहली आर्थिक सफलता पाई।
दुबई में डेन्यूब की नींव
1993 में दुबई आए और हार्डवेयर का सामान बेचने का काम शुरू किया। जल्द ही उनके सेल्स स्किल ने उन्हें सफलता दिलाई। 1992 में उन्होंने बिल्डिंग मैटेरियल ब्रोकरेज शुरू किया, फिर साल 2006 में सेनिटरी सॉल्यूशन ब्रांड मिलानो, 2008 में डेन्यूब होम, 2012 में अल्यूमिनियम कंपोजिट पैनल, और 2014 में रियल एस्टेट सेक्टर में एंट्री की।
आज डेन्यूब ग्रुप की सफलता
आज डेन्यूब ग्रुप न केवल दुबई, बल्कि मिडिल ईस्ट और 40 देशों में सक्रिय है। कंपनी का टर्नओवर $4 बिलियन है और इसने हजारों लोगों को रोजगार दिया है। हाल ही में शाहरुख खान के साथ “शाहरूख बाय डेन्यूब” कॉमर्शियल टॉवर लॉन्च किया गया, जो एक ही दिन में लगभग 5,000 करोड़ रुपये में बिक गया। अब उनका बेटा आदिल साजन भी ग्रुप में एमडी के रूप में शामिल हैं।
प्रेरणा का संदेश
रिजवान साजन की कहानी साबित करती है कि कठिन परिस्थितियों, साहस और मेहनत से कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को सच कर सकता है। घाटकोपर की झुग्गियों से लेकर वैश्विक बिजनेस के शिखर तक का उनका सफर प्रेरणादायक है।