
नई दिल्ली: निर्माण क्षेत्र में पारंपरिक ईंट और रेत-सीमेंट मिश्रण को अब AAC ब्लॉक ने चुनौती दे दी है। ऑटोक्लेव्ड एरेटेड कंक्रीट से बने ये ब्लॉक न केवल मकान बनाने की प्रक्रिया को तेज करते हैं, बल्कि निर्माण की लागत में भी भारी कटौती करते हैं। इन्हें अक्सर “बिना प्लास्टर वाली ईंट” कहा जाता है।
सीमेंट और रेत में भारी बचत
AAC ब्लॉक का आकार पारंपरिक लाल ईंटों से 8 से 10 गुना बड़ा होता है। इन्हें जोड़ने के लिए पतली परत में थिन-बेड मोर्टार का उपयोग किया जाता है। इससे सीमेंट और रेत की खपत में लगभग 80% तक की बचत होती है। ब्लॉक की समतल सतह के कारण अंदर की दीवारों पर प्लास्टर करने की आवश्यकता नहीं होती, केवल पुट्टी या पेंट करना पर्याप्त होता है।
निर्माण समय और मजदूरी में कमी
AAC ब्लॉक हल्के और बड़े आकार के होने के कारण एक बार में दीवार का बड़ा हिस्सा कवर कर लेते हैं। पारंपरिक ईंटों की तुलना में दीवारें 50% तेजी से खड़ी की जा सकती हैं। प्लास्टर की जरूरत कम होने से मजदूरी और ठेकेदार का खर्च भी घट जाता है।
ऊर्जा बचत और आराम
इन ब्लॉकों में छोटे-छोटे हवा के गैप्स होते हैं, जो गर्मी को अंदर आने और ठंडक को बाहर जाने से रोकते हैं। इससे घर प्राकृतिक रूप से ठंडा या गर्म रहता है और एयर कंडीशनर या हीटर पर खर्च कम होता है।
हल्का और भूकंप प्रतिरोधी
AAC ब्लॉक पारंपरिक ईंटों की तुलना में लगभग एक तिहाई हल्के होते हैं। इसका मतलब नींव पर कम दबाव और भूकंप जैसी आपदाओं के समय सुरक्षा बढ़ती है।
पर्यावरण के अनुकूल और उच्च गुणवत्ता
सटीक माप के साथ फैक्ट्री में बनाए जाने वाले AAC ब्लॉक टूट-फूट कम करते हैं और निर्माण स्थल साफ रहता है। ये आग, नमी और कीटों के प्रति भी सुरक्षित होते हैं।
निष्कर्ष:
यदि आप अपने घर का निर्माण तेज, सुरक्षित और कम लागत में करना चाहते हैं, तो बिना प्लास्टर वाली AAC ईंटें आधुनिक निर्माण का एक बेहतरीन विकल्प साबित हो रही हैं।