
जयपुर: जयपुर के जवाहर कला केंद्र में 11 दिसंबर से शुरू हुआ टाइगर फेस्टिवल 14 दिसंबर तक चलेगा। यह आयोजन इस वर्ष भी कला, संस्कृति और बाघ संरक्षण पर केंद्रित है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हाल ही में इस फेस्टिवल का पोस्टर जारी किया।
फेस्टिवल का 7वां सीजन:
राजस्थान हेरिटेज, आर्ट एंड कल्चरल फाउंडेशन पिछले सात वर्षों से इस फेस्टिवल का आयोजन कर रहा है। इस वर्ष 7वां सीजन है। शिल्पग्राम में फोटो-स्केच प्रदर्शनी, वर्चुअल शो, स्टोरी टेलिंग, पंचतंत्र कथाएं, साहित्यिक संवाद और ओपन स्टेज प्रस्तुतियां आयोजित की जा रही हैं।
प्रतिष्ठित हस्तियों की भागीदारी:
फेस्टिवल में उदयपुर के पूर्व राजघराने के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और पूर्व IAS पवन अरोड़ा ने पहले दिन शिरकत की। इसमें कला, संगीत और लोक परंपरा का सुंदर संगम देखने को मिलेगा। साथ ही बाघ संरक्षण, एथिकल सफारी, प्रकृति-प्रेम और पर्यटन पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।
मुख्य कार्यक्रम:
- 12 दिसंबर: सुबह 10:30 से 11 बजे तक नीरज चंद्र का स्टोरी टेलिंग सत्र। आरुण्या प्रशार द्वारा ‘एथिकल सफारी’ पर कविता एवं अभिनय प्रस्तुति। उमा जोशी के पंचतंत्र कथाओं का सत्र। शाम 5 से 7:30 बजे तक युवा कलाकार ‘राहगीर’ की कविताओं और गीतों की प्रस्तुति।
- 13 दिसंबर: सुबह योग और स्टोरी टेलिंग, इसके बाद वाइल्डलाइफ फिल्ममेकर सुब्बैया नल्ला मुत्थु, फोटोग्राफर अपारूपा डे और संगीतकार अभिषेक रे का टॉक शो। बाघ संरक्षण पर गौरव नक्रा की पुस्तक विमोचन और अभिषेक रे का संवाद। शाम में ओडिसी नृत्य प्रस्तुति।
- 14 दिसंबर: सुबह योगा शो, स्टोरी टेलिंग, पंचतंत्र कथा और ओपन स्टेज कार्यक्रम। दोपहर 3 से 4 बजे तक सुब्बैया नल्ला मुत्थु मास्टर क्लास। इसके बाद कथक प्रस्तुतियों के साथ फेस्टिवल का समापन।
विशेष उद्देश्य:
फेस्टिवल का उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देना है। वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया जाएगा।