
नई दिल्ली: कभी देश की सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप रही बायजू के फाउंडर बायजू रवींद्रन को अमेरिका से बड़ी राहत मिली है। अमेरिकी बैंकरप्सी कोर्ट ने उनके खिलाफ सुनाए गए 1 अरब डॉलर के जुर्माने वाले फैसले को रद्द कर दिया।
बायजू की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न ने बताया कि अदालत ने रवींद्रन द्वारा पेश की गई नई दलीलों को स्वीकार किया। इससे पहले, 22 नवंबर को अदालत ने कहा था कि रवींद्रन ने आदेशों की अवहेलना की और कार्यवाही में भाग नहीं लिया।
लोन में गबन का आरोप
1.2 अरब डॉलर के लोन में से 533 मिलियन डॉलर को डायवर्ट करने का आरोप बायजू की सहायक कंपनी बायजूज अल्फा पर लगाया गया था। यह रकम लंदन स्थित कंपनी OCI लिमिटेड के जरिए राउंड-ट्रिपिंग की गई, ऐसी याचिका दिवालियापन अदालत में दायर की गई थी।
कर्जदाताओं के एक समूह ने 11 अगस्त को रवींद्रन के खिलाफ डिफॉल्ट का मामला दर्ज किया था। बायजूज अल्फा पर आरोप है कि उसने लोन की राशि का दुरुपयोग किया।
कंपनी का दावा
बायजू रवींद्रन का कहना है कि 533 मिलियन डॉलर का डायवर्जन नहीं हुआ, बल्कि यह रकम थिंक एंड लर्न के वैश्विक विस्तार के लिए इस्तेमाल की गई। उनका दावा है कि अमेरिकी कर्जदाताओं के प्रतिनिधि और रिज़ॉल्यूशन प्रोफेशनल ने अदालत को गुमराह करने का प्रयास किया।
रवींद्रन के लिटिगेशन सलाहकार माइकल मैकनट ने कहा, “जनवरी 2026 में शुरू होने वाली हर्जाना कार्यवाही में हम साबित करेंगे कि हमारे क्लाइंट के कार्यों से कोई नुकसान नहीं हुआ। वादी ने जानबूझकर अदालत को गुमराह किया।”
आगे की योजना
अदालत अगले महीने निर्णय करेगी कि रवींद्रन पर लगे आरोपों से कितनी वित्तीय हानि हुई। इस दौरान बायजू ने अमेरिकी कोर्ट से जरूरी राहत मांगी है।