Thursday, December 11

स्मृति मंधाना ने पहली बार तोड़ी चुप्पी, कहा – ‘मुझे नहीं लगता कि मुझे क्रिकेट से बढ़कर कुछ पसंद है’

भारत की स्टार ओपनर और वर्ल्ड चैंपियन महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना ने हाल ही में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर और वर्ल्ड कप जीत के अनुभवों पर खुलकर बातचीत की। अमेज़न स्मभॉव समिट में उन्होंने बताया कि पिछले 12 सालों से क्रिकेट ही उनके लिए सब कुछ है, और टीम इंडिया की जर्सी पहनना उनका सबसे बड़ा मोटिवेशन है।

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जर्सी का जुनून और वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना

2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाली मंधाना ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि मुझे क्रिकेट से ज्यादा कुछ पसंद है। इंडिया की जर्सी पहनना सबसे बड़ा मोटिवेशन है। चाहे किसी भी मुश्किल दौर से गुजर रहे हों, यह ख्याल सब कुछ भुला देता है।”
उन्होंने अपने बचपन के सपनों को याद करते हुए कहा, “बैटिंग का जुनून हमेशा से था। मेरे मन में बस एक ही बात थी – वर्ल्ड चैंपियन के तौर पर जाने जाना।”

वर्ल्ड कप जीत – पूरी महिला क्रिकेट की जीत

पिछले महीने भारत को वर्ल्ड कप जिताने वाली इस बल्लेबाज ने इसे सालों की मेहनत और निराशा का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “यह ट्रॉफी उन सब चीज़ों का नतीजा है, जिनके लिए हम लड़ते रहे। फाइनल से पहले हमने उस पल को बार-बार अपने मन में सोचा। जब वह पल आखिरकार स्क्रीन पर आया, तो सचमुच रोंगटे खड़े हो गए। यह हर तरह से भावनात्मक था।”
स्मृति ने यह भी बताया कि दिग्गज खिलाड़ी मिथाली राज और झूलन गोस्वामी स्टैंड्स में मौजूद थीं और उनकी आंखों में आंसू देखकर ऐसा लगा कि पूरे महिला क्रिकेट ने कुछ हासिल कर लिया है।

जीत से मिला सबसे बड़ा सबक

मंधाना ने कहा कि इस ऐतिहासिक जीत से उन्होंने दो महत्वपूर्ण सबक सीखे:

  1. हमेशा जीरो से शुरुआत करना, चाहे आपने पहले कितना भी स्कोर किया हो।
  2. कभी भी अपने लिए नहीं खेलना – यह वह मूल्य है जो टीम के बीच हमेशा साझा किया गया।

यह कार्यक्रम उनके संगीतकार पलाश मुच्छल के साथ शादी रद्द होने की पुष्टि के बाद पहला सार्वजनिक कार्यक्रम भी था।

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