
पाकिस्तान ने दक्षिण एशिया में भारत को दरकिनार करते हुए एक नया क्षेत्रीय गठबंधन (ARC) बनाने की कोशिश में अहम सफलता हासिल की है। बांग्लादेश की ओर से संकेत मिला है कि वह इस गुट में शामिल होने के लिए तैयार है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री सलाहकार तौहीद हुसैन ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ एक ऐसा क्षेत्रीय ब्लॉक बनाया जा सकता है, जिसमें भारत शामिल न हो। उनके बयान को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है।
त्रिपक्षीय पहल में पाकिस्तान और चीन
डार ने पहले ही बांग्लादेश, चीन और पाकिस्तान के बीच त्रिपक्षीय पहल की घोषणा की थी। इस पहल का मकसद भारत को अलग रखते हुए क्षेत्र में एक मजबूत मोर्चा तैयार करना है। तौहीद हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश के लिए यह रणनीतिक रूप से संभव है, लेकिन नेपाल और भूटान के लिए भारत को छोड़कर पाकिस्तान के साथ समूह बनाने की संभावना कम है।
पाकिस्तान की मंशा और रणनीति
पाकिस्तान चाहता है कि चीन और बांग्लादेश को साथ लेकर क्षेत्र में भारत के बगैर एक प्रभावशाली गठबंधन बनाया जाए। इससे उसकी दक्षिण एशियाई भूमिका मजबूत होगी और भारत की क्षेत्रीय अहमियत घटेगी। हाल के महीनों में भारत-पाकिस्तान संबंधों में कुछ सुधार देखने को मिला, लेकिन दिल्ली-ढाका रिश्ते तेजी से तनावपूर्ण हुए हैं।
सार्क के निष्क्रिय होने का लाभ
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) भारत-पाकिस्तान तनाव के चलते निष्क्रिय है। ऐसे में पाकिस्तान सार्क के विकल्प के रूप में नया गुट बनाने का प्रयास कर रहा है। इस साल जून में चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के राजनयिकों ने क्षेत्रीय स्थिरता के मुद्दों पर त्रिपक्षीय वार्ता की थी, जो अब ARC के रूप में आकार लेने लगा है।