
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में भाजपा सरकार और कांग्रेस दोनों पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में कांग्रेस पर मज़ाकिया तंज कसा, जिससे सदन में हंसी की लहर दौड़ गई।
“कांग्रेस वाले मित्र हैं, पर नहीं बताते पैसा कहां से आया”
अखिलेश यादव ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कांग्रेस को काफी पैसा मिला, लेकिन यह “ऐसे दोस्त हैं जो कभी नहीं बताते कि पैसा कहां से आया।” उन्होंने बताया कि सत्ता में रहने वाले दलों को सबसे ज्यादा बॉन्ड मिले, फिर कांग्रेस को, जबकि समाजवादी पार्टी को मात्र 14.05 करोड़ रुपये ही मिले। वहीं, कांग्रेस ने 2018 से अब तक 1334 करोड़ रुपये जुटाए।
उन्होंने कहा कि इस असमानता का असर चुनावी प्रतिस्पर्धा पर पड़ता है और क्षेत्रीय दलों के लिए राष्ट्रीय दलों के सामने टिकना मुश्किल हो रहा है।
रामपुर उपचुनाव और प्रशासनिक दुरुपयोग
अखिलेश ने रामपुर उपचुनाव का उदाहरण देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ने प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर चुनाव जीता। उन्होंने कहा कि पुलिस और अधिकारी मतदाताओं को घरों से बाहर निकलने ही नहीं दे रहे थे। अखिलेश ने इसे “वोट डकैती” करार दिया और चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई की मांग की।
SIR अभियान और BLO की मौत पर सवाल
सपा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश में चल रहे मतदाता सूची विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) अभियान पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कई बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) की ड्यूटी के दौरान मौत हो चुकी है। अखिलेश ने पूछा—क्या उन्हें पर्याप्त प्रशिक्षण मिला, क्या अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव डाला गया, और क्या सुरक्षा व स्वास्थ्य मानकों का पालन हुआ?
चुनाव प्रक्रिया में सुधार की मांग
अखिलेश यादव ने कांग्रेस के सुझावों का समर्थन करते हुए कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार और बैलेट पेपर पर वापसी जैसी पहल देश में चुनाव प्रक्रिया को मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए जरूरी हैं।