Monday, December 8

डियर मम्मा… बेटों को आपसे ये 5 जरूरी बातें सीखने को मिलती हैं, पांचवीं बात उन्हें कभी हार नहीं मानने देगी

नई दिल्ली: एक मां अपने बेटे के जीवन में कई अहम बातें सिखाती है, जिनका असर उसकी पूरी जिंदगी पर पड़ता है। इन सिखाई गई बातों में से कुछ ऐसी हैं, जो केवल मां ही अपने बेटे को बिना कुछ कहे, सिर्फ अपने व्यवहार से सिखा देती है। चलिए, जानते हैं वे पांच महत्वपूर्ण बातें, जो बेटे अपनी मां से सीखते हैं और जिनका उनकी जिंदगी पर गहरा असर पड़ता है:

1. बातचीत का तरीका

बेटा अपनी मां से सबसे पहली चीज जो सीखता है, वह है बातचीत का तरीका। मां जिस तरह से अपने बच्चे से संवाद करती हैं, उसे प्रोत्साहित करती हैं या किसी स्थिति पर प्रतिक्रिया देती हैं, ये सभी बातें बच्चे के दिमाग में गहरी छाप छोड़ती हैं। यही बातें उसके संवाद कौशल और समाजिक बुद्धिमता का हिस्सा बन जाती हैं।

2. इमोशंस को कंट्रोल करना

दूसरी अहम बात जो बेटा अपनी मां से सीखता है, वह है इमोशंस को संभालना। जब बेटा अपनी मां को तनावपूर्ण या मुश्किल परिस्थितियों में भी शांत और संतुलित तरीके से व्यवहार करते देखता है, तो उसका दिमाग भी ऐसी ही प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार होता है। यह प्रक्रिया न्यूरोलॉजिकल रूप से होती है और इसे मिरर न्यूरॉन कहा जाता है।

3. पूजा-पाठ और आत्ममंथन

बच्चे अक्सर अपनी मां को घर में पूजा-पाठ करते हुए, दीप जलाते हुए या ध्यान की गतिविधियों में शामिल होते हुए देखते हैं। ऐसी आदतें और क्रियाएं बच्चे में सॉफ्ट स्किल्स और सॉफ्ट एस्पेक्ट्स का विकास करती हैं। यह उसे आंतरिक शांति और आत्म-संयम की महत्वपूर्ण शिक्षा देती हैं, जो बाद में उसके जीवन के अहम हिस्से बन जाती हैं।

4. दूसरों और खुद को सम्मान देना

मां का व्यवहार बच्चों को यह सिखाता है कि सम्मान क्या होता है। जब मां अपने बेटे को यह सिखाती है कि दूसरों को और खुद को सम्मान देना चाहिए, तो वही सीख बच्चे की जिंदगी का हिस्सा बन जाती है। इस तरह, मां का व्यवहार बच्चे के लिए एक सकारात्मक रोल मॉडल बनता है।

5. खुद पर भरोसा करना

फाउंडर श्वेता गांधी कहती हैं कि बेटा अपनी मां से सबसे महत्वपूर्ण बात यह सीखता है कि खुद पर भरोसा कैसे करें। जब मां अपने बेटे को प्रोत्साहित करती है, तो भले ही वह कोई छोटी सी कोशिश हो, उसका दिमाग इसके रिवार्ड सिस्टम को सक्रिय करता है। यही प्रक्रिया धीरे-धीरे उसे आत्मविश्वास और आत्म-निर्भरता सिखाती है, जो उसे जीवन के किसी भी कठिन समय में हार मानने से रोकता है।

निष्कर्ष:

मां के व्यवहार से बेटा न केवल जीवन के महत्वपूर्ण मूल्य और कौशल सीखता है, बल्कि उसकी हर छोटी-छोटी क्रियाएं भी बच्चे के जीवन को आकार देती हैं। मां अपने बेटे को जो सिखाती है, वह उसके भविष्य को दिशा देने में अहम भूमिका निभाता है, और यही कारण है कि बेटा मां को हमेशा अपना सबसे बड़ा गुरु मानता है।

डिस्क्लेमर: लेख में दी गई जानकारी इंस्टाग्राम पर प्रकाशित रील पर आधारित है। एनबीटी इसकी सत्यता और सटीकता की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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