Saturday, December 6

अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत महेश योगी को जिंदा जलाने की कोशिश? आधी रात आश्रम में लगी आग से मचा हड़कंप

अयोध्या, 6 दिसंबर 2025
रामनगरी अयोध्या में हनुमानगढ़ी पीठ से जुड़े महंत महेशदास उर्फ स्वामी महेश योगी के गोविंदगढ़ स्थित आश्रम में 4 दिसंबर की आधी रात आग लगने की घटना ने पूरे शहर को दहलाकर रख दिया है। आधी रात हुए इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या किसी ने सच में महंत को जिंदा जलाने की कोशिश की? कौन है उनका दुश्मन? घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लग पाया है।

पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के आधार पर जांच तेज़ कर चुकी है। वहीं महंत ने सीधे धार्मिक संस्थान के आंतरिक विवाद को इस हमले की वजह बताया है और कई लोगों के नाम पुलिस को दिए हैं।

आधी रात 2:45 बजे लगी आग, पीछे की खिड़की काटकर की गई थी घुसपैठ

घटना 4 दिसंबर की रात करीब 2:45 बजे की है। आश्रम में अचानक आग की लपटें उठीं। प्राथमिक जांच में पता चला कि आश्रम के पीछे की खिड़की की ग्रिल काटकर अज्ञात लोगों ने पेट्रोल डालकर आग लगाई और फिर मौके से फरार हो गए। फोरेंसिक टीम ने भी कमरे में पेट्रोल जैसी गंध और कटी हुई ग्रिल के निशान पाए हैं।

महंत महेश योगी घटना के समय आश्रम में अकेले सो रहे थे। वहीं उनके शिष्य दूसरे हिस्से में थे।

गहरी नींद में थे महंत, आग ने बिस्तर तक ली दस्तक

महंत महेश योगी ने बताया कि वे गहरी नींद में थे। तभी अचानक उन्हें तेज गर्मी महसूस हुई और आंख खुलते ही उन्होंने कमरे में धुआं और आग की लपटें देखीं।
किसी तरह वे दरवाजा खोलकर बाहर निकले और जोर से मदद के लिए पुकारा। शोर सुनकर शिष्य भागकर आए और पानी व बालू डालकर आग बुझाने में जुट गए। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन कमरा, बिस्तर और अन्य सामान पूरी तरह जलकर राख हो गया।

“मुझे मारने की कोशिश की गई”—महंत महेश योगी का आरोप

महंत ने आरोप लगाया है कि यह आगज़नी कोई हादसा नहीं, बल्कि उनकी हत्या की साजिश थी। उन्होंने दावा किया कि धार्मिक संस्थान में चल रहे आंतरिक विवाद के चलते उनके खिलाफ पहले भी झूठे मुकदमे दर्ज कराने की कोशिश की गई थी।

पुलिस ने महंत के बयान दर्ज कर लिए हैं और बताए गए नामों की भी जांच कर रही है।

पुलिस बोली—निर्भीक और निष्पक्ष जांच होगी

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया जा रहा है। जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है।

  • घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
  • कॉल डिटेल और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के माध्यम से संदिग्धों का विश्लेषण किया जा रहा है।
  • फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है।

फिलहाल आरोपी कौन हैं, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस “रहस्यमयी आगज़नी” का सच सामने आएगा।

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