Saturday, December 6

बिहार विश्वविद्यालयों में 6 हजार से अधिक शिक्षकों की बहाली की तैयारी, नए साल में आ सकता है विज्ञापन

पटना, 6 दिसंबर 2025
बिहार के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में लंबे समय से खाली पड़े शिक्षकों के पद जल्द ही भरने की संभावना है। बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (BSUSC) वर्ष 2026 में सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के हजारों पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी कर सकता है। शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को विषयवार रिक्तियों की सूची और आरक्षण रोस्टर की अंतिम मंजूरी जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, राज्य के 13 पारंपरिक विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर के 5,000 से अधिक पद रिक्त हैं। वहीं, पिछले चार दशकों में बड़ी संख्या में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के कारण एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के 1,000 से अधिक वरिष्ठ पद भी खाली पड़े हैं। विश्वविद्यालय इन रिक्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।

विज्ञापन कब आएगा?

BSUSC के अध्यक्ष गिरीश कुमार चौधरी ने बताया कि जैसे ही विश्वविद्यालयों से रिक्तियां आयोग तक पहुंचेंगी, उनका विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि—

  • एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पदों पर सीधी भर्ती साक्षात्कार के आधार पर होगी।
  • यदि सहायक प्रोफेसरों के लिए लिखित परीक्षा का प्रावधान लागू हुआ, तो इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लग सकता है।

लिखित परीक्षा पर विचार—लोक भवन से मिली जानकारी

लोक भवन के सूत्रों ने बताया कि कुलाधिपति सचिवालय को शिक्षा विभाग से एक प्रस्ताव मिला है जिसमें सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के लिए राज्य स्तरीय लिखित परीक्षा को अनिवार्य करने की बात कही गई है।
संभावित प्रावधानों में शामिल हैं—

  • आवेदन केवल वही उम्मीदवार कर सकेंगे जो यूजीसी की न्यूनतम पात्रता पूरी करते हों।
  • NET पास और PhD धारकों को भी लिखित परीक्षा देनी होगी।
  • इस कानून को अंतिम रूप देने के लिए तीन सदस्यीय कुलपति समिति पहले से गठित है।

पहली बार बड़े पैमाने पर वरिष्ठ पदों की सीधी नियुक्ति

BSUSC अध्यक्ष चौधरी ने बताया कि कई दशकों बाद विश्वविद्यालयों में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसरों की सीधी भर्ती की उम्मीद है।
नए नियमों के अनुसार—

  • कोई सक्षम सहायक प्रोफेसर 8 साल की सेवा के बाद एसोसिएट प्रोफेसर,
  • और 10 साल की सेवा के बाद प्रोफेसर पद पर प्रमोट हो सकता है।

अब उच्च पदों पर सीधे चयन से विश्वविद्यालयों में अनुभवी शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर होने की उम्मीद है।

पहले की भर्ती का हाल

सितंबर 2020 में BSUSC ने 52 विषयों में 4,638 सहायक प्रोफेसरों के पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। अधिकांश विषयों में नियुक्तियां पूरी हो चुकी हैं, लेकिन वनस्पति विज्ञान, प्राणि विज्ञान, इतिहास और वाणिज्य जैसे चार विषयों में लगभग 1,000 पदों पर नियुक्तियां न्यायिक विवादों में फंसी हुई हैं।

इस बीच आयोग ने राज्य के घटक महाविद्यालयों में 116 नए प्राचार्यों की नियुक्ति भी पूरी कर ली है।

Leave a Reply