
पटना। बिहार विधानसभा 1 दिसंबर से एक नए दौर में प्रवेश करने जा रही है। नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (NeVA) के तहत 18वीं विधानसभा का पहला सत्र पूरी तरह पेपरलेस होगा। सदन में सभी विधायी कार्य अब टैबलेट के माध्यम से सम्पन्न किए जाएंगे, जिससे विधानसभा देश में तकनीकी रूपांतरण का एक नया मानक स्थापित करेगी।
सदन में टैबलेट आधारित कार्यवाही
सदन की प्रत्येक सीट पर विधायकों को टैब उपलब्ध करा दिए गए हैं। अब विधायक अपने प्रश्न, पूरक प्रश्न और अन्य संसदीय कार्यवाही से जुड़ी प्रक्रियाएँ सीधे टैबलेट पर ही दर्ज करेंगे।
यह व्यवस्था न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि कागज पर निर्भरता कम कर पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नए विधायकों को डिजिटल प्रक्रिया में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
NeVA से बढ़ेगी पारदर्शिता
नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन के माध्यम से बिलों को पेश करने, दस्तावेजों के आदान-प्रदान, प्रश्नोत्तर और चर्चाओं का रिकॉर्ड—सभी प्रक्रियाएँ डिजिटल रूप में उपलब्ध रहेंगी। इस बदलाव से विधायी कार्यवाही पहले से अधिक पारदर्शी और सुगम होगी।
विधान परिषद में यह व्यवस्था पहले से लागू है, और अब विधानसभा भी पूर्णतः डिजिटल होने जा रही है।
सदन का विस्तृत कार्यक्रम
- 1 दिसंबर: नए सदस्यों को शपथ
- 2 दिसंबर: विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव
- 3 दिसंबर: दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राज्यपाल का अभिभाषण
- 4 दिसंबर: अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव व सरकार का जवाब
- 5 दिसंबर: द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी और विनियोग विधेयक की प्रस्तुति
सत्र की तैयारियों पर उच्चस्तरीय बैठक
विधानसभा भवन में सभापति अवधेश नारायण सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सुरक्षा, ट्रैफिक व्यवस्था, पार्किंग, सफाई और चिकित्सा सेवाओं की समुचित तैयारी सुनिश्चित की गई।
बैठक में गृह विभाग के सचिव प्रणव कुमार, एडीजी डॉ. कमल किशोर सिंह, डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम, एसएसपी कार्तिकेय शर्मा और नगर आयुक्त यशपाल मीणा सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
तकनीकी बदलाव की मिसाल बनेगा बिहार
पूरी तरह डिजिटल विधानसभा, बिहार को देश भर की विधानसभाओं के लिए एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करेगी। पेपरलेस सदन की शुरुआत प्रशासनिक कार्यक्षमता, पारदर्शिता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देखी जा रही है।