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जयपुर में बस हड़ताल से जनजीवन प्रभावित, 100 बसों का संचालन ठप्प

जयपुर, 26 नवंबर।
जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (JCTSL) के संचालन में अचानक आई बाधा ने बुधवार को शहरभर में हड़कंप मचा दिया। अनुबंधित निजी फर्म पारस ट्रेवल्स लाइन्स के ड्राइवरों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी, जिसके चलते करीब 100 लो-फ्लोर बसें सड़क से गायब हो गईं। रोजाना इन बसों पर निर्भर हजारों यात्रियों, नौकरीपेशा लोगों और छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

शहर में प्रतिदिन लगभग 200 बसें संचालित होती हैं, ऐसे में आधी बसों के ठप्प हो जाने से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है। बस स्टॉप पर लंबी कतारें लग गईं और लोग निजी वाहनों एवं ऑटो-रिक्शा का सहारा लेने पर मजबूर हुए, जिससे किराया और यातायात दोनों पर दबाव बढ़ गया।

हड़ताल की वजहें और ड्राइवरों के आरोप

हड़ताल पर बैठे ड्राइवरों का आरोप है कि निजी ऑपरेटर पारस ट्रेवल्स श्रम कानूनों का पालन नहीं कर रही है। उनका कहना है कि कंपनी:

  • वेतन वृद्धि की अनदेखी कर रही है
  • PF और ESI जैसी मूलभूत सुविधाएं समय पर उपलब्ध नहीं करवा रही
  • बकाया भुगतान रोके हुए है

इसके अलावा आगार के प्रबंधन की कार्यशैली और व्यवहार को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं।

ड्राइवरों की प्रमुख मांगें

हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने प्रबंधन के समक्ष सात प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें शामिल हैं—

  1. दुर्घटना में मृत चालक कुलदीप मीणा के आश्रितों को तत्काल 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता
  2. ड्यूटी के दौरान लकवा ग्रस्त हुए चालक रामजीलाल शर्मा को 3 लाख रुपये की सहायता राशि
  3. दोनों चालकों के बकाया वेतन, ओवरटाइम, PF, ESI क्लेम और पेंशन का तत्काल भुगतान।
  4. बगराना आगार के प्रबंधन में तत्काल बदलाव एवं कर्मचारियों के प्रति शिष्ट व्यवहार सुनिश्चित करना।
  5. सभी चालकों और तकनीकी कर्मचारियों का सामूहिक दुर्घटना बीमा
  6. कर्मचारियों और आश्रितों को ESI चिकित्सा सुविधा शुरू करवाना।
  7. PF अंशदान को नियोक्ता हिस्से सहित समय पर कर्मचारियों के खातों में जमा करवाना।

प्रशासन एवं कंपनी पर सवाल

बगराना आगार में व्याप्त व्यवस्थागत अव्यवस्था और निजी ऑपरेटर फर्म की कार्यशैली पर कर्मचारियों ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद सुधार नहीं किया गया, जिसके चलते हड़ताल का कदम उठाना पड़ा।

हड़ताल के चलते परिवहन सेवा बाधित होने से आम जनता में रोष और चिंता दोनों देखी जा रही है। अब सभी की निगाहें प्रशासन और कंपनी प्रबंधन पर टिकी हैं कि कब वार्ता सफल होती है और शहर की बस सेवाएं सामान्य होती हैं।

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