Tuesday, November 18

डीमर्जर के बाद टाटा मोटर्स पर सेंसेक्स से बाहर होने का खतरा, इंडिगो को मिल सकती है जगह

नई दिल्ली: टाटा मोटर्स पर एक बार फिर सेंसेक्स से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। हाल ही में कंपनी का डीमर्जर हुआ है, जिसमें कमर्शियल और पैसेंजर वाहनों का बिजनेस अलग हो गया। इस कारण कंपनी का मार्केट कैप दो हिस्सों में बंट गया है – कमर्शियल वाहन डिवीजन का 1.19 लाख करोड़ रुपये और पैसेंजर वाहन यूनिट का 1.37 लाख करोड़ रुपये।

टाटा मोटर्स सेंसेक्स के 30 मूल घटकों में शामिल है, लेकिन कंपनी पहले भी इस इंडेक्स से बाहर हो चुकी है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले महीने टाटा मोटर्स को सेंसेक्स से बाहर होना पड़ सकता है, जबकि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन को इंडेक्स में जगह मिल सकती है। इंडिगो का मार्केट कैप इस समय 2.27 लाख करोड़ रुपये है। दिसंबर रिव्यू की घोषणा अगले कुछ दिनों में होने की संभावना है।

सेंसेक्स का संक्षिप्त इतिहास

सेंसेक्स 1 जनवरी 1986 को लॉन्च हुआ था। इसके 30 स्टॉक्स में से केवल तीन स्टॉक – रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी – लगातार इसमें बने हुए हैं। इसके अलावा लार्सन एंड टुब्रो, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा भी इंडेक्स में शामिल हैं, लेकिन ये कई बार बाहर-भीतरी होते रहे हैं।

टाटा मोटर्स के पैसेंजर वाहन शेयर मंगलवार को कारोबार के दौरान 7.3% गिर गए और अंत में 372.7 रुपये पर बंद हुए, जो पिछले बंद भाव से 4.83% कम है।

विशेषज्ञों का कहना है कि डीमर्जर और मार्केट कैप में बदलाव के कारण टाटा मोटर्स की सेंसेक्स में स्थिति अस्थिर हो सकती है, जबकि इंडिगो जैसी मजबूत कंपनियों के लिए यह इंडेक्स में प्रवेश का अवसर है।

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