
इस्लामाबाद/नई दिल्ली: बलूचिस्तान के कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने पाकिस्तान की सेना पर बड़ा खुलासा किया है। उनके मुताबिक पाकिस्तानी सेना सिर्फ देश की रक्षा में नहीं, बल्कि व्यवसाय और आर्थिक ताकत बढ़ाने में ज्यादा रुचि रखती है। मीर ने बताया कि सेना बिस्किट, टीवी ड्रामा, बेकरियों, बैंकों, रियल एस्टेट और अनाज जैसी कई इंडस्ट्रीज में सक्रिय है, जबकि युद्ध के मैदान पर उसका रिकॉर्ड बेहद खराब है।
सेना बन चुकी सबसे बड़ी कारोबारी संस्था:
मीर यार ने कहा कि पाकिस्तान की सेना देश का सबसे बड़ा व्यवसायी समूह है, जो अरबों रुपये का कारोबार कर रहा है, जबकि देश की अर्थव्यवस्था डूबती जा रही है और मदद की गुहार लगाती रही। गरीब और संकटग्रस्त देश में सेना मुनाफे पर केंद्रित है, न कि नागरिक सुरक्षा या युद्ध में सफलता पर।
युद्ध में कमजोर, न्यूक्लियर हथियारों में मुनाफा:
बलूच नेता ने कहा कि पाकिस्तान ने 78 साल में कोई बड़ा युद्ध नहीं जीता। 1947, 1965, 1971 के युद्ध और 1999 का कारगिल संघर्ष सब इसके प्रमाण हैं। मीर यार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान का न्यूक्लियर हथियार कार्यक्रम भी देशभक्ति से ज्यादा पैसे और फंडिंग बढ़ाने के उद्देश्य से है।
मुनाफे को प्राथमिकता, देशभक्ति पीछे:
मीर का कहना है कि पाकिस्तानी सेना का ध्यान सिर्फ विदेशी दौलत और अवैध कमाई को सुरक्षित रखने पर है। युद्ध के मैदान में जोखिम उठाने या देशभक्ति के लिए कोई दिलचस्पी नहीं है। उनका मानना है कि सेना ने देश की सुरक्षा की बजाय आर्थिक लाभ को हमेशा प्राथमिकता दी है।