
क्या आपने कभी अपने लैपटॉप या पीसी के कीबोर्ड पर F और J बटनों पर उभरी हुई लाइन या निशान देखा है? शायद आप में से कई लोगों ने इसे नोटिस भी नहीं किया होगा। लेकिन ये छोटे से निशान टच टाइपिंग करने वालों के लिए बेहद अहम हैं।
दरअसल, ये निशान 2002 में पेटेंट किए गए थे और इन्हें ‘टेक्सटाइल मार्कर’ कहा जाता है। टच टाइपिंग यानी बिना कीबोर्ड देखे टाइप करने की तकनीक में ये निशान उंगलियों को सही जगह रखने में मदद करते हैं। QWERTY कीबोर्ड में बायीं हाथ की उंगली F और दायीं हाथ की उंगली J पर रखी जाती है। इन निशानों को छूकर टाइप करने वाले आसानी से ‘होम रो’ यानी कीबोर्ड की बीच वाली पंक्ति में उंगलियों की सही स्थिति पा लेते हैं।
टच टाइपिंग सीखने वालों के लिए इसका फायदा सिर्फ सुविधा तक ही सीमित नहीं है। इससे टाइपिंग की स्पीड बढ़ती है, गलतियों की संभावना कम होती है और उंगलियों की थकावट भी कम होती है। इसके अलावा सही पोश्चर बनाए रखने और कलाई के तनाव को कम करने में भी मदद मिलती है।
तो अगली बार जब आप अपने कीबोर्ड पर F और J के निशान देखें, तो समझ जाइए कि ये सिर्फ एक डिजाइन फीचर नहीं, बल्कि 23 साल पुराने पेटेंट के साथ एक स्मार्ट टाइपिंग तकनीक का हिस्सा हैं।