
नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर के नोएडा क्षेत्र में प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं। एक्सप्रेसवे से ग्रेटर नोएडा तक के रिहायशी इलाके में प्रति वर्ग फुट कीमत 25,000 रुपये से ऊपर पहुंच चुकी है। इसका मतलब है कि 1,000 वर्ग फुट का एक सामान्य फ्लैट खरीदने के लिए लगभग 2.5 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
बड़े फ्लैट ही बन रहे हैं:
99acres की विशेषज्ञ सुरभि गुप्ता के अनुसार, बिल्डर अब छोटे फ्लैट बनाने की बजाय केवल बड़े फ्लैट लॉन्च कर रहे हैं। तीन, चार और 5 BHK फ्लैट अब सामान्य हैं, जिनका कारपेट एरिया 2,000 वर्ग फुट से शुरू होता है। इससे एंट्री-लेवल फ्लैट की कीमतें 5 करोड़ रुपये से ऊपर चली गई हैं, जो आम खरीदारों की पहुंच से बाहर हैं।
कौन खरीद सकता है फ्लैट:
2.5 करोड़ रुपये का फ्लैट खरीदने के लिए खरीदार के पास लगभग 50 लाख रुपये नकद और सालाना 50 लाख रुपये की आय होनी चाहिए। 5 करोड़ रुपये वाले फ्लैट के लिए यह जरूरत और भी अधिक बढ़ जाती है।
असली खरीदार गायब:
सुरभि गुप्ता बताती हैं कि प्रॉपर्टी की इतनी ऊंची कीमत होने की वजह से असली खरीदार बाजार में कम हैं। ज्यादातर बुकिंग अब इन्वेस्टर्स कर रहे हैं, जो 20% डाउन पेमेंट करके फ्लैट खरीदते हैं और कीमत बढ़ने के बाद बेच देते हैं। इस निवेश का खेल कीमतों को और ऊपर ले जा रहा है, लेकिन असली लोग मकानों में रहने नहीं आ रहे।
प्रोजेक्ट बन सकता है भूतिया:
गुप्ता के अनुसार, लगातार बढ़ती कीमतों और असली मांग की कमी के कारण कुछ प्रोजेक्ट “भूतिया शहर” की स्थिति में पहुंच सकते हैं। निर्माण धीमा या रुक सकता है क्योंकि बिल्डर के पास आवश्यक फंड खत्म हो जाते हैं। ऐसे बाजारों में प्रॉपर्टी सिर्फ कागज पर बिकती है, लेकिन जमीन पर खाली रहती है।
निष्कर्ष:
नोएडा में बढ़ती प्रॉपर्टी कीमतें निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकती हैं, लेकिन असली खरीदारों की कमी और प्रोजेक्ट के भूतिया होने का खतरा डेवलपर्स और निवेशकों दोनों के लिए गंभीर चुनौती बन गया है।