
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिकी सरकार ने H-1B और H-4 वीजा आवेदकों के लिए नए नियम जारी किए हैं, जिसके तहत उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करने होंगे। यह नियम 15 दिसंबर 2025 से लागू होगा और नए आवेदन के साथ-साथ वीजा नवीनीकरण (रीन्यू) पर भी लागू होगा।
भारत में इससे चिंता का माहौल है, क्योंकि अमेरिका में H-1B वीजा धारकों में 70% और H-4 वीजा धारकों में 90% भारतीय हैं। इन लोगों की नौकरियां, पढ़ाई, निजी यात्रा और फैमिली प्लान प्रभावित हो सकते हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, यह नियम पहले से चल रहे ऑनलाइन चेक को बढ़ाता है। इसके तहत कंसुलर अधिकारी आवेदकों के फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पोस्ट और गतिविधियों की समीक्षा कर सकेंगे। एक्सपर्ट चेतावनी देते हैं कि यहां तक कि छोटी-मोटी पोस्ट, राजनीतिक विचार या प्रोफेशनल प्रोफाइल की गड़बड़ी भी वीजा रद्द होने का आधार बन सकती है।
कंपनियों में भी बढ़ी फिक्र
अमेरिका की टेक कंपनियां, जिनमें अधिकतर भारतीय कर्मचारी हैं, अपने कर्मचारियों को सलाह दे रही हैं कि वे सोशल मीडिया प्रोफाइल साफ रखें। राजनीतिक मीम्स शेयर करने से बचें और वीजा आवेदन में प्रोफेशनल ईमेल का ही इस्तेमाल करें।
इस कदम को अमेरिकी प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बता रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह नियम छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स पर पहले से लागू ऑनलाइन जांच का दायरा बढ़ाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय H-1B और H-4 वीजा धारकों के लिए यह बदलाव कैरियर और जीवन योजनाओं में अनिश्चितता पैदा कर सकता है।