Thursday, December 4

F-35 जेट पर ट्रंप की शर्त ने बिगाड़ा भारत-अमेरिका माहौल

भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चर्चा में चल रहे व्यापार और रक्षा समझौते पर अचानक आई सुस्ती ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दोनों देशों के बीच महीनों तक चली बैठकों और सकारात्मक बयानों के बावजूद ट्रेड डील अब ठंडे बस्ते में नजर आ रही है। बिजनेस वर्ल्ड की रिपोर्ट ने इस ठहराव की वजह का बड़ा खुलासा किया है—अमेरिका की F-35 जेट खरीदने की शर्त।

F-35 बना ‘पॉइजन पिल’, वार्ता पटरी से उतरी

रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने भारत से कहा था कि यदि वह टैरिफ में राहत, ऊर्जा पहुँच और अमेरिकी बाजार की आसान एंट्री चाहता है, तो इसके बदले उसे F-35 लड़ाकू विमान खरीदने होंगे।
लेकिन यह खरीदारी सामान्य सैन्य बिक्री नहीं, बल्कि एक नए स्ट्रेटेजिक लॉक-इन की तरह पेश की गई, जिससे भारत को आने वाले दशकों तक अमेरिकी तकनीकी इकोसिस्टम से जुड़ना पड़ता—सॉफ्टवेयर, लॉजिस्टिक्स और अपग्रेड सहित।

भारत ने इसे ‘नेटवर्क कंट्रोल’ की कोशिश माना और वार्ता वहीं से ठंडी पड़ गई।

भारत का स्पष्ट रुख – टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के बिना खरीद नहीं

दिल्ली के वार्ताकारों ने अमेरिका के सामने साफ शब्दों में रख दिया कि पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (F-35 जैसी श्रेणी) भारत तभी खरीदेगा जब—

  • सोर्स-कोड की जानकारी,
  • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर,
  • और स्वतंत्र संचालन क्षमता
    भी दी जाएगी।

लेकिन अमेरिकी अधिकारी पहले ही कह चुके हैं:
“F-35 का सोर्स-कोड हमने किसी भी देश को नहीं दिया है।”
इस कठोर नियम ने भारत की मांगों को तुरंत खारिज कर दिया, और सौदे की गति थम गई।

पुतिन के प्रस्ताव से नया विकल्प

इसी कशमकश के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को एक ऐसा प्रस्ताव दिया, जिसने समीकरण बदल दिए।
रिपोर्ट के अनुसार, मॉस्को ने संकेत दिए कि—

  • Su-57E पाँचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान
  • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ
  • और भारत को सह-डिज़ाइनर बनने का मौका देकर
    बात करने के लिए तैयार है।

एक तरफ अमेरिका जहाँ अपने सोर्स-कोड को छूने भी नहीं दे रहा, वहीं रूस तकनीक साझा करने की पेशकश कर रहा है—यह अंतर भारत की रणनीतिक सोच में बड़ा प्रभाव डाल सकता है।

क्या सचमुच ट्रेड डील खत्म हो गई है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि डील मरी नहीं है—पर कोमा में जरूर है।
दोनों पक्षों के अधिकारी अब भी शांत तरीके से बातचीत कर रहे हैं—

  • टैरिफ रोलबैक
  • डिजिटल ट्रेड
  • फार्मा
  • कृषि
  • सेवाओं

लेकिन F-35 से जुड़े व्यापक रक्षा पैकेज की घोषणा फिलहाल टल गई है।
भारत इंतजार कर रहा है कि वॉशिंगटन उसकी संप्रभुता और रणनीतिक स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए आगे बढ़े।

तब तक इस डील के आगे बढ़ने की संभावना बहुत कम मानी जा रही है।

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