
बाराबंकी, उत्तर प्रदेश: मेहनत और नए आइडियाज का जादू कभी-कभी किसी भी किसान की जिंदगी बदल सकता है। ऐसा ही कर दिखाया उत्तर प्रदेश के किसान धीरज वर्मा ने। एक टीवी शो ने उनकी सोच बदल दी और अब वे स्ट्रॉबेरी की हाइड्रोपोनिक्स फार्मिंग से लाखों रुपये कमा रहे हैं।
टीवी शो से मिली प्रेरणा
धीरज वर्मा को चैनल बदलते-बदलते एक ऐसा टीवी प्रोग्राम दिखा, जिसमें इजराइल की हाइड्रोपोनिक्स फार्मिंग की सफलता दिखाई गई थी। मिट्टी रहित इस खेती के तरीके में पौधों को सीधे पोषक तत्वों वाले पानी में उगाया जाता है। यह तकनीक सूखी जलवायु और पानी की कमी के बावजूद उच्च पैदावार देती है।
धीरज वर्मा ने इसे देखकर ठान लिया कि अगर इजराइल सिर्फ एक एकड़ से निर्यात कर सकता है, तो वे अपने 10 एकड़ जमीन में क्यों पीछे रहें। उन्होंने सैकड़ों वीडियो देखकर इस तकनीक को सीखने की ठानी और अपने गांव मीनापुर, बाराबंकी में लागू किया।
कई मुश्किलों का सामना
धीरज वर्मा पहले पारंपरिक खेती करते थे। स्ट्रॉबेरी की खेती में खरपतवार, मल्चिंग और ड्रिप सिंचाई की चुनौती रहती थी। सिर्फ खरपतवार हटाने का खर्च 50,000 रुपये प्रति बीघा था।
हाइड्रोपोनिक्स ने बदल दी खेती
साल 2021 में धीरज वर्मा ने मध्य प्रदेश जाकर धाकड़ ब्रदर्स से प्रशिक्षण लिया। हाइड्रोपोनिक्स में पौधों को 13 तरह के पोषक तत्व दिए जाते हैं, जो उनकी वृद्धि के लिए जरूरी हैं।
उन्होंने अपने खेत में 3,500 वर्ग फुट का सेटअप तैयार किया और 9,000 स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए। इसके लिए उन्हें डेढ़ महीने और 12 लाख रुपये खर्च करने पड़े।
दो महीने में 3 लाख रुपये की कमाई
सिर्फ दो महीनों में धीरज वर्मा ने 5 टन स्ट्रॉबेरी की फसल तैयार कर 3 लाख रुपये की बिक्री की। इस सफलता ने उनके परिवार के लिए बेहतर आय का मार्ग खोला और उनकी मेहनत रंग लाई।
धीरज वर्मा अब अन्य किसानों को भी हाइड्रोपोनिक्स अपनाने की सलाह देते हैं। उनका कहना है, “यह तकनीक रॉकेट साइंस नहीं है, कोई भी किसान इससे अच्छा मुनाफा कमा सकता है।”
धीरज वर्मा की कहानी साबित करती है कि नई सोच, सही जानकारी और मेहनत से खेती को एक व्यवसाय में बदला जा सकता है और किसान अपनी जिंदगी को बदल सकते हैं।