Friday, November 21

झारखंड–बंगाल में कोयला माफिया पर ईडी का शिकंजा 40 ठिकानों पर तड़ातड़ छापे, नकदी–गहनों समेत भारी संपत्ति जब्त

रांची/कोलकाता: अवैध कोयला कारोबार और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क पर शिकंजा कसते हुए एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने शुक्रवार तड़के झारखंड और पश्चिम बंगाल में अब तक की सबसे बड़ी संयुक्त कार्रवाई को अंजाम दिया। दोनों राज्यों में करीब 40 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर ईडी ने भारी मात्रा में नकदी, सोना–गहने तथा महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।

सुबह 6 बजे से शुरू हुए इस ऑपरेशन में एजेंसी के 100 से ज्यादा अधिकारी शामिल थे। एक्शन के दायरे में न केवल आरोपियों के आवास आए, बल्कि टोल कलेक्शन बूथ, चेक पोस्ट्स और कारोबारी ठिकानों की भी तलाशी ली गई।

झारखंड: 18 जगहों पर छापेमारी, बड़े नेटवर्क के खुलासे के संकेत

ईडी की रांची टीम ने कोयला चोरी और अवैध तस्करी से जुड़े गिरोह के खिलाफ 18 स्थानों पर दबिश दी।
छापों की जद में आए प्रमुख नाम:

  • अनिल गोयल
  • संजय उध्योग
  • लाल बाबू सिंह (देव प्रभा कंपनी के निदेशक)
  • अमर मंडल

जानकारी के मुताबिक, कोयले की चोरी और तस्करी के कारण सरकारी खजाने को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
लाल बाबू सिंह और उनके भाई कुंभनाथ सिंह के धनबाद, झरिया और अन्य परिसरों में तलाशी अभी जारी है। अधिकारियों को कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं।

पश्चिम बंगाल: 24 से अधिक ठिकानों पर छापे, माफिया सरगनाओं के ठिकाने निशाने पर

कोलकाता स्थित ईडी टीम ने अवैध कोयला खनन और भंडारण नेटवर्क पर कार्रवाई करते हुए दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता जिलों में 24 से ज्यादा परिसरों की तलाशी ली।

इनके ठिकानों पर छापेमारी हुई:

  • नरेंद्र खरका
  • युधिष्ठिर घोष
  • कृष्ण मुरारी कायल
  • चिन्मय मंडल
  • राजकिशोर यादव सहित कई अन्य

सूत्रों का कहना है कि यह पूरे गिरोह पर निर्णायक वार है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं।

ईडी की बड़ी कार्रवाई से कोल माफिया में हड़कंप

लगातार हो रही छापेमार कार्रवाई से कोयला चोरी-तस्करी में शामिल नेटवर्क में हड़कंप मचा हुआ है। ईडी ने कई स्थानों से अनएकाउंटेड कैश, गहने, डिजिटल साक्ष्य और लेन-देन से जुड़े कागजात जब्त किए हैं, जिनकी जांच जारी है।

एजेंसी का दावा है कि यह पूरी कार्रवाई अवैध कारोबार में शामिल माफिया, कारोबारियों और उनके राजनीतिक–प्रशासनिक गठजोड़ को तोड़ने के लिए की जा रही है।

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